नई दिल्ली (New Delhi)। खाने-पीने की कई वस्तुओं (many food items prices) के दामों में नरमी (Reduction) को देखते हुए ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि सितंबर के आंकड़े जब जारी होंगे तब महंगाई दर में गिरावट (Inflation rate decline) दिखनी शुरू हो सकती है। इक्रा रिसर्च (ICRA Research) के मुताबिक अगस्त में टमाटर के दामों में गिरावट (fall in tomato prices) आई है। साथ ही सब्जियों, चावल, गेहूं, दूध और दालों के दामों में तेज बढ़त के न होने से इस बात की संभावना है कि सितंबर तक ये छह फीसदी के आस पास पहुंच सकती है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि केंद्र सरकार (Central government) की तरफ से महंगाई को काबू करने के लिए निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंधों और खाने पीने की चीजों की सप्लाई खुले बाजार में बढ़ाने का असर देखने को मिल सकता है। इक्रा ने उम्मीद जताई है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक महंगाई दर जुलाई में 10.6 फीसदी से घटकर अगस्त में 9.5 फीसदी हो सकती है और सितंबर में ये नरम होकर छह फीसदी तक पहुंच सकती है।
बुआई का रकबा
इस साल बारिश में गिरावट के बावजूद देश के कई राज्यों में खरीफ की फसलों की बुआई में बढ़त देखने को मिली है। आंकड़ों के मुकाबिक पिछले साल 25 अगस्त तक यूपी में 0.52 मिलियन हेक्टेयर, राजस्थान में 0.37 मिलियन हेक्टेयर ज्यादा बुआई हुई है। वहीं धान की बात की जाए तो ये बिहार में 0.46 मिलियन हेक्टेयर और छत्तीसगढ़ में 0.42 मिलियन हेक्टेयर ज्यादा रही है। हालांकि कर्नाटक में खरीफ की फसलों धान, रागी, तुअर दार और कपास में कुल मिलाकर 0.75 मिलियन हेक्टेयर की गिरावट रही है।
मुख्य फसलों का रकबा
धान की फसल बिहार, छत्तीसगढ़, तेलंगाना में पिछले साल के मुकाबले अगस्त तक ज्यादा है वहीं कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में गिरी है। वहीं दालों की फसल की बात की जाए तो राजस्थान और झारखंड में ये पिछले साल के मुकाबले ज्यादा है वहीं मध्यप्रदेश में, कर्नाटक, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में इसकी बुआई कम हुई है। तिलहन की बात की जाए तो महाराष्ट्र और राजस्थान में इसकी फसल ज्यादा बोई गई है और आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में इसका रकबा पिछले साल के मुकाबले कम है।
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