नई दिल्ली। मणिपुर में 4 मई को तीन कुकी-ज़ोमी (Kuki-Zomi) महिलाओं को निर्वस्त्र करने और उनके यौन उत्पीड़न का वीडियो वायरल होने से पहले, इसे शूट करने वाले 18 वर्षीय युमलेम्बम जिबान (Yumlembam Jiban) के फोन से इसे हटवाने के लिए काफी कोशिश की गई थी।
जिबान उन सात लोगों में से एक है, जिन्हें मणिपुर के थौबल जिले में तीन महिलाओं के साथ मारपीट के मामले में मणिपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उन्हें तीन अन्य लोगों के साथ सोमवार को विशेष न्यायाधीश थौबल की अदालत में पेश किया गया। जिबान के थौबल जिले के नोंगपोक सेकमाई अवांग लीकाई (Nongpok Sekmai Awang Leikai) गांव के एक रिश्तेदार के अनुसार, “गांव के वरिष्ठ लोगों” को पता था कि उसने वीडियो शूट किया था और यह उनके फोन पर था।
रिश्तेदार ने कहा, “गांव के वरिष्ठ लोगों ने उसे कई बार वीडियो हटाने की सलाह दी और वह हमसे कहता रहा कि वह ऐसा करेगा। लेकिन उसने इसे अपने चचेरे भाई को भेज दिया, जिसने इसे दूसरे दोस्त को भेजा। मुझे लगता है कि उसी के जरिए इसकी जानकारी मैतेई कट्टरपंथी समूह अरामबाई तेंगगोल (Arambai Tenggol) तक पहुंची। समूह के लोग जून में एक दिन गांव आए और गांव के बड़े लोगों और आम लोगों के साथ एक बैठक की। रिश्तेदार ने कहा, हम सभी ने अपने फोन अरामबाई तेंगगोल लोगों को सौंप दिए। उन्होंने उनकी जांच की और यह जिबान के डिवाइस से हटा दिया गया था।”
पुलिस ने जिबान के चचेरे भाई 19 वर्षीय युमलेम्बम नुंगसिथौ (Yumlembam Nungsithou) को भी गिरफ्तार किया है, जिसे उसने वीडियो भेजा था। जहां जिबान थौबल कॉलेज में प्रथम सेमेस्टर का छात्र है, वहीं नुंगसिथौ एक मैकेनिक की दुकान में काम करता था। दोनों किसान के बेटे हैं।
मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए अन्य लोगों में एक सेवानिवृत्त सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल का बेटा, एक टायर की दुकान में काम करने वाला और एक दिहाड़ी मजदूर शामिल है। मामला अब सीबीआई को सौंपे जाने के बाद, आरोपियों को उनके गांव के कुछ लोगों का समर्थन मिला है। मंगलवार दोपहर को शिखोंग बाज़ार के निवासी 29 वर्षीय अरुण खुंडोंगबम की गिरफ्तारी के विरोध में धरने पर बैठे, जो इलाका में एक ठेकेदार के अधीन मीटर चालू करके अपनी जीविका चलाता है।
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