भाजपा के ही कुछ नेताओं के संपर्क में थे हमलावर, एक नेता के साथ कामकाज में पार्टनर है वर्मा
इन्दौर। गोपी नेमा के घर हुए हमले के मामले में एक के बाद एक जब हमलावरों की शिनाख्त होने लगी तो भाजपा नेताओं का दबाव ढीला पडऩे लगा और कल हमलावरों को गुपचुप तरीके से पूरी स्क्रिप्ट बनाकर पुलिस के सामने पेश करवा दिया गया। अब बचे हमलावर भी पेश हो सकते हैं।
जिस दिन गोपीकृष्ण नेमा के घर हमला हुआ था, उस दिन स्थानीय भाजपा नेता तैश में थे और यहां तक कि मंत्री उषा ठाकुर, वरिष्ठ नेता कृष्णमुरारी मोघे, विधायक रमेश मेंदोला, मालिनी गौड़, नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने पुलिस अधिकारियों के सामने कड़ी आपत्ति जताई थी और हमलावरों को 2 घंटे में पकडऩे की चेतावनी दे दी थी। लेकिन बाद में कहानी उलटी और मालूम पड़ा कि हमलावरों का कनेक्शन भाजपा नेताओं से जुड़ा है। मामला मुख्यमंत्री और गृहमंत्री तक भी पहुंच गया और पुलिस को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए। यही नहीं, मनोहर वर्मा का भाई तो खुद नेमा से ही जुड़ा है। इसके बाद एक के बाद एक आरोपियों की शिनाख्ती हुई और वे भाजपा नेताओं के मार्फत ही माफी मांगने और पेश होने की जुगाड़ भिड़ाने लगे। यही नहीं, कांग्रेस के नेताओं से भी आरोपी संपर्क में थे, लेकिन वे इनकी कुछ मदद नहीं कर पाए। पिछले तीन दिनों से भाजपा नेताओं का रुख भी इस मामले में ठंडा पडऩे लगा। भाजपा के एक नेता से तो वर्मा के व्यावसायिक रिश्ते रहे हैं। हालांकि पुलिस ने इस मामले में निष्पक्षता रखी और आरोपियों पर इतना दबाव बनाया कि उन्हें पेश होना पड़ा। वैसे इस मामले में जो रुख भाजपा नेताओं ने अपनाया था, उन्हें उलटा ही मुंह की खाना पड़ी।
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