नई दिल्ली। इसी साल यानि 25 जुलाई को मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) का कार्यकाल (President Ram Nath Kovind Tenure End) समाप्त हो रहा है। इससे पहले नए राष्ट्रपति के चुनाव (Presidential Election) को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। एक तरफ जहां सत्ता पक्ष मजबूत दिखाई दे रता तो दूसरसी ओर विपक्ष की भी अपनों को साधने की कोशिश तेज हो गई है।
बता दें कि मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल इस साल समाप्त होने जा रहा है। अगर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) उनकी उम्मीदवारी को नहीं दोहराती है तो देश को एक नया राष्ट्रपति मिल सकता है। इसको लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है। एनडीए के पास फिलहाल 9000 वोट कम हैं। इसे पूरा करने की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कंधों पर होगी। वहीं, विपक्ष को बड़ा झटका लग सकता है। आंध्र प्रदेश में जगनमोहन रेड्डी की YSRCP और ओडिशा में नवीन पटनायक की बीजेडी एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में मतदान कर सकती है। बताया जा रहा है कि जून महीने के मध्य में राष्ट्रपति चुनाव की अधिसूचना जारी होने की संभावना है।
बहुमत से 9000 वोट पीछे एनडीए
राष्ट्रपति का निर्वाचक मंडल 10,98,903 वोट का है। इसमें जीत के लिए बहुमत का आंकडा 5,49,452 है। इसमें एक सांसद का वोट का मूल्य 708 है। देश के 4,120 विधायकों में हर राज्य की जनसंख्या व सीटों की संख्या के आधार पर विधायक के वोट का मूल्य अलग-अलग है। उत्तर प्रदेश के विधायक का सबसे ज्यादा 208 वोट मूल्य है। बीजेडी और वाईएसआर के समर्थन के साथ ही ये आंकड़े पूरे हो जाने की संभावना है।
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