नई दिल्ली। झारखंड की पूर्व राज्यपाल (Jharkhand’s former governor) और आदिवासी नेता (tribal leader) द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) आगामी राष्ट्रपति चुनाव (presidential election) में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) (Bharatiya Janata Party (BJP)) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) (National Democratic Alliance (NDA)) की उम्मीदवार होंगी। भाजपा की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था, संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने उनकी उम्मीदवारी की घोषणा की। ओडिशा में सिंचाई और बिजली विभाग में एक कनिष्ठ सहायक से लेकर भाजपा के नेतृत्व वाले राजग की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार नामित होने तक का सफर आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू के लिए बेहद लंबा और मुश्किल सफर रहा है। निर्वाचित होने पर मुर्मू आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाली भारत की पहली राष्ट्रपति होंगी।
राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार घोषित होने पर मैं खुश और आश्चर्यचकित हूं: मुर्मू
सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि उन्हें ओडिशा के सभी दलों के सांसदों और विधायकों का समर्थन मिलने की उम्मीद है क्योंकि वह उस प्रदेश की बेटी हैं। जनजातीय नेता से राज्यपाल तक का सफर तय करने वाली मुर्मू ने कहा कि उन्हें टीवी के जरिये जानकारी मिली कि उन्हें राजग की ओर से देश के सर्वोच्च पद का प्रत्याशी घोषित किया गया है।
मुर्मू ने रायरंगपुर में अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा, “मैं आश्चर्यचकित और खुश हूं। मयूरभंज जिले से आने वाली एक आदिवासी महिला के रूप में मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे इस पद का उम्मीदवार बनाया जाएगा।” उन्होंने कहा कि राजग सरकार ने आदिवासी महिला का चयन कर के भाजपा के नारे “सबका साथ सबका विश्वास” को सिद्ध कर दिया है।
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यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें बीजू जनता दल (बीजद) का समर्थन मिलेगा, मुर्मू ने कहा, “मुझे आशा है कि मुझे ओडिशा के सभी विधायकों और सांसदों का समर्थन प्राप्त होगा।” राष्ट्रपति चुनाव के लिए इलेक्टोरल कॉलेज में बीजद के पास 2.8 प्रतिशत से ज्यादा मत हैं। उन्होंने कहा, “मैं इस प्रदेश की बेटी हूं। मुझे एक ओड़िया होने के नाते सबसे यह अनुरोध करने का अधिकार है कि मेरा समर्थन करें।”
संथाल समुदाय में जन्मी मुर्मू ने अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत के सदस्य के रूप में की थी और आगे बढ़ते-बढ़ते 2000 में बीजद-भाजपा गठबंधन सरकार में मंत्री बनीं और 2015 में झारखंड की पहली महिला राज्यपाल बनीं। रायरंगपुर सीट से दो बार विधायक रह चुकीं मुर्मू 2009 में उस वक्त भी अपनी सीट से जीती थीं जब बीजद ने चुनाव से कुछ ही सप्ताह पहले भाजपा से गठबंधन तोड़ लिया था। इस चुनाव में बीजद को भारी जीत मिली थी।
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मुर्मू ने कहा, ‘‘मुझे इस अवसर की आशा नहीं थी। मैं पड़ोसी राज्य झारखंड की राज्यपाल बनने के बाद छह साल से भी ज्यादा वक्त से राजनीतिक कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं ले रही थी। आशा करती हूं सभी मेरा साथ देंगे।’’ द्रौपदी की उम्मीदवारी की घोषणा के बाद उनके पैतृक मयूरभंज जिले में खुशी का माहौल है। बड़ी संख्या में लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं।
वहीं, बारगढ़ से भाजपा सांसद सुरेश पुजारी ने कहा, ‘‘आदिवासी महिला को राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाने के पार्टी के फैसले से हम सभी बहुत खुश हैं। ऐसी पहली बार हुआ है कि इस धरती की बेटी को इस पद के चुना जाएगा।’’ आदिवासी मामलों के केन्द्रीय मंत्री बिशीस्वर तुदु ने कहा, ‘‘मैं खास तौर से खुश हूं क्योंकि मुर्मू मेरे लोकसभा क्षेत्र और मेरे आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखती हैं।’’
ओडिशा के लिए गर्व का क्षण है- पटनायक
बीजू जनता दल (बीजद) प्रमुख एवं ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने द्रौपदी मुर्मू को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राजग द्वारा राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनाये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मंगलवार को कहा कि यह उनके राज्य के लोगों के लिए गर्व का क्षण है। पटनायक ने मुर्मू को उनकी उम्मीदवारी पर बधाई देते हुए ट्वीट किया, ‘‘माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने मेरे साथ इस पर चर्चा की तो मुझे खुशी हुई। यह वास्तव में ओडिशा के लोगों के लिए गर्व का क्षण है।’’ पटनायक ने कहा कि उन्हें यकीन है कि मुर्मू ‘‘देश में महिला सशक्तिकरण के लिए एक उदाहरण स्थापित करेंगी।’’ पिछले राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा ने दलित नेता रामनाथ कोविंद को अपना उम्मीदवार बनाया था और इस बार एक आदिवासी नेता को इस पद के लिए उम्मीदवार बनाकर समाज में एक संदेश देने की कोशिश की है।
द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनाया जाना आदिवासी गौरव को नयी ऊंचाई पर ले जाएगा: शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति चुनाव के लिए राजग की उम्मीदवार घोषित किये जाने के फैसले की सराहना की और कहा कि यह कदम आदिवासी गौरव को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने का काम करेगा। शाह ने कई ट्वीट करके कहा कि राष्ट्रपति पद के लिए मुर्मू की उम्मीदवारी की घोषणा महिलाओं और आदिवासियों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अटूट संकल्प का प्रतिबिंब है। उन्होंने कहा, ‘‘आज देश के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण क्षण है, जब नरेंद्र मोदी के नेतृत्व व जे पी नड्डा की अध्यक्षता में राजग ने राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के तौर पर द्रौपदी मुर्मू जी के नाम की घोषणा की है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चाहे महिला सशक्तिकरण हो या जनजातीय अस्मिता के गौरव को पुनर्स्थापित करना हो, इस दिशा में जितने कार्य पिछले 8 साल में हुए हैं वो पहले कभी नहीं हुए। आज का ये निर्णय प्रधानमंत्री मोदी के महिला व जनजातीय कल्याण के उसी अटूट संकल्प का प्रतिबिंब है।’’
शाह ने कहा, ‘‘द्रौपदी मुर्मू जी ने जनजातीय समाज में शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने व जनप्रतिनिधि के रूप में लम्बे समय तक जनसेवा करते हुए सार्वजनिक जीवन में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। इस गरिमामई पद की प्रत्याशी बनने पर उनको शुभकामनाएं देता हूं व मुझे विश्वास है कि वो निश्चित रूप से जीतेंगी।’’
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