नई दिल्ली। लंबी बैठकों और तीन बड़े नेताओं के इनकार के बाद विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार (opposition presidential candidate) के नाम पर मुहर लग सकी थी। हालांकि, अब खबर है कि पश्चिम बंगाल की सीपीएम इकाई (West Bengal’s CPM unit) ने यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) के नाम से असंतुष्ट नजर आ रही है। पार्टी का कहना है कि इस पद के लिए उम्मीदवार और बेहतर हो सकता था। इधर, सिन्हा के मुकाबले में झारखंड की पूर्व राज्यपाल (former governor of Jharkhand) द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) खड़ी हुई हैं।
CPM की तरफ से फेसबुक पर एक संयुक्त बयान जारी किया था। जिसमें सिन्हा की उम्मीदवारी का समर्थन किया गया था। इसके चलते पार्टी के अंदर ही विवाद खड़ा हो गया था। बंगाल से CPM के राज्यसभा सांसद विकासरंजन भट्टाचार्य ने सिन्हा के पूर्व में भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस से मौजूदा संबंधों को देखते हुए उनकी उम्मीदवारी पर सवाल उठाए और कहा कि पार्टी को यह सहन करना होगा।
वहीं, CPM के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि विपक्ष का उम्मीदवार बनाए जाने से पहले वाम दलों ने सिन्हा को सभी पार्टी बदों से इस्तीफा देने पर मजबूर किया था। साथ ही इसे वाम दलों की ‘नैतिक जीत’ भी बताया था।
झारखंड में आज खत्म हो सकता है सस्पेंस
शनिवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा की केंद्रीय समिति की बैठक होने जा रही है, जिसमें यह तय किया जाएगा कि पार्टी राष्ट्रपति चुनाव में किसे समर्थन देगी। हालांकि, 15 जून को हुई विपक्ष की बैठक में JMM की मौजूदगी थी, लेकिन विपक्षी दलों की अंतिम बैठक से पार्टी गायब रही थी, जहां औपचारिक तौर पर सिन्हा के नाम का ऐलान किया गया था।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved