नई दिल्ली। किसानों से जुड़े तीन बिल संसद में जरूर पास हो चुके हैं, लेकिन सियासी गतिरोध अभी भी बरकरार है। विपक्षी सांसदों ने इसके विरोध में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने की मांग की थी। सूत्रों के हवाले से मिली है कि राष्ट्रपति आज शाम पांच बजे विपक्ष के पांच नेताओं से मिलेगें। इसके लिए उन्हें समय दे दिया गया है।
कृषि विधेयकों को संसद की मंजूरी मिलने के बाद विपक्ष अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से गुहार लगाएगा। विपक्षी पार्टियों ने कृषि से जुड़े विधेयकों के मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों ने राष्ट्रपति से मुलाकात का वक्त मांगा था। राष्ट्रपति भवन ने इसके लिए समय दे दिया है। विपक्ष राष्ट्रपति से इन विधेयकों पर दस्ताख्त ना करने और उन्हें वापस राज्यसभा को भेजने की अपील करेगा। इसके साथ राज्यसभा से आठ सदस्यों के निलंबन की भी शिकायत करेगा।
एमएसपी का कानून में उल्लेख करे: कांग्रेस
कांग्रेस का कहना है कि सरकार की मंशा ठीक है, तो कानून में एमएसपी देने का उल्लेख किया जाना चाहिए। लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी और पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सरकार संघीय ढांचे पर हमला कर रही है। पार्टी नेताओं का कहना है कि सरकार कह रही है कि इन कानूनों से एमएसपी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। एमएसपी की व्यवस्था बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि यदि उसकी नियत सही है, तो उसे किसानों को इसकी गारंटी देनी चाहिए। इसका कानून में भी यह उल्लेख किया जाना चाहिए कि किसानों को एमएसपी दिया जाएगा।
कृषि विधेयकों के खिलाफ सड़को पर उतरेगी कांग्रेस
कृषि विधेयकों को संसद की मंजूरी के बाद कांग्रेस ने अब इन विधेयकों के खिलाफ सड़को पर उतरने का ऐलान किया है। पार्टी इन विधेयकों के विरोध में पूरे देश में आंदोलन करेगी। इसके साथ पार्टी कृषि विधेयकों के खिलाफ पूरे देश से दो करोड़ किसानों के हस्ताक्षर जुटाएगी। इसकी शुरुआत 24 सितंबर से शुरु होगी।
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