मामला नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्षों का, शासन ने अपनी गलती सुधारने के लिए राज्यपाल को भिजवाया मंजूरी के लिए अध्यादेश
इंदौर। शासन ने पिछले दिनों पार्षदों के निर्वाचन (election of councilors) की आयु सीमा (Age Limit) घटाकर तो 21 वर्ष कर दी, मगर गलती से नगर पालिका अध्यक्ष और नगर परिषद अध्यक्ष के लिए उम्र सीमा घटाना भूल गए, जिसे अब अध्यादेश के जरिए सुधारा जा रहा है, क्योंकि अभी चुनाव चल रहे हैं।
पिछले दिनों यह खामी मीडिया में उजागर हुई और उसके बाद शासन की भी नींद खुली, जिसके चलते अध्यादेश तैयार करवाया गया। मध्यप्रदश नगर पालिक विधि संशोधन विधेयक-2022 को विधानसभा के मानसून सत्र में पेश कर मंजूर किया जाएगा। मगर उसके पहले इसे लागू करने के लिए अध्यादेश लाया जा रहा है, जिसे राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेज दिया है। संभवत: आज ही राज्यपाल हरी झंडी दे देंगे। दरअसल अभी 17 और फिर 20 जुलाई को मतगणना होनी है और उसमें नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्ष की आयु सीमा 21 साल अगर नहीं की गई तो कई जगह परेशानी आ सकती है। पूर्व में यह न्यूनतम आयु 25 वर्ष थी, जिसे घटाकर अब 21 वर्ष किया जा रहा है। अध्यादेश मंजूरी के बाद अगली कैबिनेट बैठक में भी इसे मंजूरी दे दी जाएगी। फिर विधानसभा से बहुमत के आधार पर शिवराज सरकार विधेयक को मंजूर भी करवा लेगी, जिसकी प्रक्रिया आज-कल में अध्यादेश के साथ शुरू हो जाएगी।
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