नई दिल्ली। सशस्त्रबलों के सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को अंडमान और निकोबार कमान (एएनसी) का स्वराज द्वीप पर तीनों सेनाओं का संयुक्त ऑपरेशनल प्रदर्शन देखा। इसमें एएनसी के लड़ाकू प्लेटफार्मों और बलों ने कमान की बहुआयामी परिचालन क्षमताओं और लैंडिंग का प्रदर्शन किया।
इससे पहले राष्ट्रपति को अंडमान और निकोबार कमांन के कमांडर-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने परिचालन क्षमताओं और कमांन की तत्परता की स्थिति पर जानकारी दी। भारतीय नौसेना के चौदह जहाज, तटरक्षक बल के दो फास्ट अटैक क्राफ्ट, भारतीय एयरफोर्स के विमान और छह बीएमपी के साथ भारतीय सेना के 300 से अधिक सैनिकों ने राष्ट्र की एकमात्र त्रि-सेवा कमान की लड़ाकू शक्ति के एकीकृत अनुप्रयोग का प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन के दौरान तीनों सेनाओं के बीच तालमेल और सहयोग को उजागर किया गया।
ऑपरेशनल प्रदर्शन ने संयुक्त ऑपरेशन के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित किया और इसमें मुकाबला फ्री फॉल (सीएफएफ), मार्कोस कमांडो, हेलिकॉर्न ऑपरेशंस द्वारा हेलकॉस्टिंग, घटक प्लाटून और पैदल सेना के सैनिकों के उभयचर हमले शामिल थे, जो छह बीएमपी और 300 से अधिक लड़ाकों के साथ समुद्र तट पर उतरे थे। इसके अलावा नौसेना गन फायर सपोर्ट, काउंटर सर्फेस फोर्स ऑपरेशंस, सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन का भी प्रदर्शन किया गया।
समुद्र तट पर इन्फैंट्री सैनिकों की लैंडिंग शिप टैंक (मध्यम) और लैंडिंग क्राफ्ट यूटिलिटी द्वारा की गई थी। इस प्रदर्शन का समापन डॉर्नियर विमान, एमआई-17 वी 5 और चेतक हेलिकॉप्टरों के फ्लाई पास्ट के साथ हुआ, जिन्होंने अंडमान और निकोबार कमांन के त्रि-सेवा तालमेल और लड़ाकू क्षमता को दर्शाते हुए उड़ान भरी। (एजेंसी, हि.स.)
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