वाराणसी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) शनिवार की शाम दशाश्वमेध घाट पर काशी की विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती (Ganga Aarti ) देखने के दौरान आह्लादित नजर आये। पहली बार धर्मपत्नी सविता कोविन्द के साथ गंगा आरती में शामिल हुए राष्ट्रपति मां गंगा की विशेष महाआरती, लयबद्ध गायन के बीच परम्परागत वेशभूषा में नौ अर्चकों को मां गंगा की आरती करते ध्यान से देखते रहे। फूलों के वन्दनवार से दुल्हन की तरह सजे घाट की मढ़ियों पर रखी कुर्सियों पर बैठ कर राष्ट्रपति मां गंगा को चवंर डुलाती रिद्धि-सिद्धि के रूप में 18 कन्याओं को कभी देखते तो कभी पर घाट पर अध्यात्मिक छंटा के नैसर्गिक सौंदर्य को निहारते।
राष्ट्रपति शंख और डमरूओं की ध्वनि के बीच मां गंगा के भजनों को सुन हाथ जोड़ भक्तिभाव से अध्यात्म में लीन भी दिखे। रामनाथ कोविंद की धर्मपत्नी भी भाव विह्वल गंगा गीतों पर ताल देती दिखीं। इसके पहले घाट पर जैसे ही राष्ट्रपति पहुंचे वहां पहले से मौजूद श्रद्धालुओं ने हर-हर महादेव के परम्परागत गगनभेदी उद्घोष से स्वागत किया। राष्ट्रपति और उनके परिवार ने भी लोगों का हाथ जोड़कर अभिवादन किया। लोगों का अपने प्रति प्यार देख राष्ट्रपति भी अभिभूत दिखे।
फूलों की सजावट, रेड कारपेट और रात के अंधेरे में भी सुबह जैसी रोशनी से दमकते घाट पर सुरक्षा का व्यापक प्रबंध किया गया था। राष्ट्रपति के साथ प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी गंगा आरती देखी। गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्र ने राष्ट्रपति को अंग वस्त्रम और प्रसाद भेंट किया। (एजेंसी, हि.स.)
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