नई दिल्ली । राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को कहा कि गोवा को मुक्त कराने के लिए सभी समुदाय और संगठन औपनिवेशिक सत्ता के खिलाफ मिलकर लड़े। आजाद गोमांतक दल, गोवा विमोचन समिति, गोवा मुक्ति सेना और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एकजुट हो गए।
गोवा मुक्ति दिवस की 60वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि आज का दिन, गोवा के लिए ही नहीं बल्कि पूरे भारत के लिए विशेष रूप से स्मरणीय है। लगभग 450 वर्ष के औपनिवेशिक शासन के बाद 1961 में आज के ही दिन, गोवा को विदेशी शासन से मुक्त कराया गया था।
समान नागरिक संहित लागू करने के लिए गोवा की सराहना
समान नागरिक संहित लागू करने के लिए गोवा सरकार की सराहना करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि गोवा के लिए यह गौरव का विषय है कि यहां के लोगों ने समान नागरिक संहिता को अपनाया है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से, यहां की सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा मिला है। उन्होंने कहा कि गोवा की 160 किलोमीटर लंबी तट-रेखा पर, दुनिया के कुछ सबसे खूबसूरत समुद्र–तट मौजूद हैं। गोवा की प्राकृतिक सुषमा अनूठी है और यहां के लोग ‘अतिथिदेवो भव’ की परंपरा के सच्चे प्रतिनिधि हैं।
कोरोना काल में दूसरी बार किसी कार्यक्रम में सार्वजनिक रूप से हुए शामिल
कोविड-19 महामारी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना से भारत ही नहीं पूरी दुनिया पीड़ित है। ऐसे में स्वयं को सुरक्षित रखने की मानसिकता बन गई है। ऐसे में वह स्वयं अधिकांश कार्यक्रमों में वर्चुअल माध्यम से ही शामिल हुए। सार्वजनिक रूप से यह दूसरा कार्यक्रम है जिसमें वह शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि विदेशी शासन से गोवा की मुक्ति के इस ऐतिहासिक अवसर पर आप लोगों के बीच आकर मुझे बहुत प्रसन्नता हुई है। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति कोविंद कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गोवा के दो दिवसीय दौरे पर हैं।
गोवा में जनता की सक्रिय भागीदारी वाला यह अनूठा मॉडल
राष्ट्रपति ने कहा कि आप सभी के पूर्वजों ने, आज़ादी की मशाल को बुझने नहीं दिया। इसे जलाए रखने के लिए, अनेक स्वाधीनता सेनानियों ने अपना जीवन बलिदान कर दिया। गोवा के भाइयों-बहनों ने लोकतांत्रिक व्यवस्था और सुशासन को मजबूत करने के साथ-साथ सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखा है। जनता की सक्रिय भागीदारी वाला यह अनूठा मॉडल, गोवा के लोगों की प्रगतिशील सोच का उत्कृष्ट उदाहरण है।
उन्होंने कहा कि यह देखकर गर्व होता है कि प्रति व्यक्ति आय के मामले में यह राज्य पहले स्थान पर है। इसका श्रेय गोवा के मेहनती लोगों, जन-प्रतिनिधियों, जन-सेवकों तथा उद्योग क्षेत्र को जाता है। यह उपलब्धि, कठिन प्रयासों के बल पर प्राप्त हुई है और इसमें वर्तमान एवं पूर्ववर्ती सरकारों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
मनोहर पर्रिकर की समृद्ध विरासत को सच्चे अर्थों में आगे बढ़ा रहे हैं सावंत
राष्ट्रपति ने कहा कि आज जब पूरा देश, ‘आत्मनिर्भर भारत’ के मंत्र पर चलते हुए स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए आगे बढ़ रहा है, तब गोवा ने मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत के गतिशील नेतृत्व में ‘आत्मनिर्भर भारत, स्वयंपूर्ण गोवा’ की सराहनीय पहल शुरू की है। डॉ. सावंत, अपने पूर्ववर्ती और आदर्श कर्मयोगी स्वर्गीय मनोहर पर्रिकर की समृद्ध विरासत को सच्चे अर्थों में आगे बढ़ा रहे हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि राज्य वित्तपोषित स्वास्थ्य बीमा योजना और सार्वजनिक स्वास्थ्य के मजबूत बुनियादी ढांचे के कारण, महामारी के दौरान, गोवा की सरकार, लोगों की समुचित देखभाल करने में सक्षम रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में भी गोवा ने अच्छी प्रगति की है। एनआईटी और आईआईटी को मिलाकर यहां आठ इंजीनियरिंग कॉलेज हैं। यहां के प्रतिभाशाली युवाओं और इंटरनेट सेवाओं के योजनाबद्ध विस्तार को देखते हुए, गोवा अब इन्फोटेक कंपनियों का विकास केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।
उल्लेखनीय है कि भारतीय सशस्त्र बलों ने गोवा को 451 साल के बाद 19 दिसम्बर 1961 को पुर्तगाली उपनिवेश से आजाद कराया था। उसी की याद में प्रतिवर्ष गोवा मुक्ति दिवस समारोह आयोजित किया जाता है।
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