कीव। 26 दिन से जारी जंग के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने नाटो को खरी-खरी कही है। जंग में अब तक सीधा साथ नहीं मिलने से नाराज जेलेंस्की ने नाटो से कहा कि वह खुलकर कह दे कि उसे रूस से डर लगता है।
यूक्रेन के न्यूज चैनल सस्पिलने से चर्चा में जेलेंस्की ने कहा कि नाटो को या तो अब कहना चाहिए कि वह हमें स्वीकार कर रहे हैं, या खुले तौर पर कहें कि वे हमें स्वीकार नहीं कर रहे हैं क्योंकि वे रूस से डरते हैं। इसके साथ ही जेलेंस्की ने फिर कहा कि वह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन चेतावनी दी कि यदि चर्चा विफल हुई तो इसका मतलब होगा तीसरा विश्व युद्ध। उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन बहादुर देश है और वह रूस के समक्ष समर्पण नहीं करेगा।
जेलेंस्की ने जंग खत्म करने के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ किसी भी शर्त पर और किसी भी हाल में चर्चा को तैयार हैं। जेलेंस्की ने कहा, ‘मुझे लगता है कि बिना बैठक के पूरी तरह से यह समझ पाना नामुमकिन है कि पुतिन जंग रोकने के लिए क्या चाहते हैं।’ इससे पहले भी जेलेंस्की कह चुके हैं कि बातचीत के बगैर किसी हाल में यह जंग खत्म नहीं होगी।
रूस-यूक्रेन के बीच अब तक कई दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन कोई हल नहीं निकल पाया है। दोनों देशों के बीच जंग शुरू हुए 27 दिन हो गए हैं। नाटो के खुलकर यूक्रेन के पक्ष में नहीं आने पर जेलेंस्की ने सवाल किया कि उसे साफ करना चाहिए कि वह यूक्रेन को अपने गठबंधन में शामिल करेगा या नहीं? नाटो को खुलकर बता देना चाहिए कि उसे रूस से डर लगता है।
इस जंग के कारण दोनों देशों को भारी नुकसान हो रहा है। हालांकि यूक्रेन की तुलना में रूस बहुत ताकतवर देश है, लेकिन उसे भी काफी हानि उठाना पड़ रही है। मॉस्को की एक वेबसाइट का दावा है कि इस जंग में रूस के 10 सैनिक जान गंवा चुके हैं। हालांकि 2 मार्च को रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि जंग में उसके 500 सैनिक मारे गए हैं। उधर, यूक्रेन ने दावा किया था कि 15 हजार रूसी सैनिकों की मौत हो चुकी है। जबकि, अमेरिका ने 7 हजार मौतों का अनुमान लगाया था। रूस यूक्रेन में काफी अंदर तक घुस चुका है।
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