बीजिंग (Beijing)। चीन (China) के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (President Xi Jinping) ने अपनी ‘कोविड नीति'(‘Covid Policy’) का बचाव करते हुए इसे तर्कसंगत और सोच समझ कर लिया गया फैसला बताया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नए साल पर अपने पहले सार्वजनिक संबोधन में राष्ट्रपति जिनपिंग ने जीरो-कोविड नीति को अचानक वापस लेने के संबंध में कुछ नहीं बोला, जिसके बाद से चीन में कोविड-19 (COVID-19) मामलों में तेजी से उछाल आया। चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी सरकार ने ‘विज्ञान-आधारित और लक्षित दृष्टिकोण’ के बाद कोविड के खिलाफ नीति को अपनाया।
शी जिनपिंग ने कहा कि हमने विज्ञान-आधारित दृष्टिकोण अपना कर विपरीत परिस्थितियों में कोविड महामारी से लोगों के जीवन और स्वास्थ्य (Life and health) की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास किए। उन्होंने जोर देकर कहा कि विशेष रूप से चिकित्सा पेशेवरों और सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने बहादुरी से अपनी जिम्मेदारियों को निभाया और कोविड का डंट कर सामना किया। जिनपिंग ने आगे कहा कि असाधारण प्रयासों से हम मुश्किल चुनौतियों पर विजय प्राप्त कर चुके हैं। लेकिन यह हमारे के लिए आसान यात्रा नहीं रही है।
हालांकि, भाषण के दौरान शी जिनपिंग ने लोगों की पीड़ा, सरकार (Government) के खिलाफ लोगों में गुस्सा और विरोध प्रदर्शन के बाद जीरो-कोविड नीति वापस लेने के बारे में कुछ नहीं बोला। गौरतलब है कि चीन ने कोरोना महामारी के प्रसार को रोकने के लिए सख्त नीति लागू की थी, जिसमें बड़े पैमाने पर परीक्षण, लॉकडाउन और यात्रा प्रतिबंध शामिल थे। इन प्रतिबंधों के कारण लोगों की आजीविका पर संकट गहरा गया था, जिसके कारण चीन में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। इसकी वजह से चीनी सरकार को जीरो-कोविड नीति वापस लेने को मजबूर होना पड़ा।
इसके अलावा, चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि चीन को भूकंप, बाढ़, सूखा और जंगल की आग सहित कई प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ा। इसके अलावा कुछ कार्यस्थल पर भी दुर्घटनाएं हुईं। उन्होंने अपने संबोधन में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं कांग्रेस के बाद कुछ चीनी प्रांतों के अपने दौरे का भी जिक्र किया।
युवाओं से अपनी जिम्मेदारियों को निभाना का आह्वान
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी राष्ट्रपति ने अपनी कोविड नीति के खिलाफ लोगों के गुस्से की परवाह किए बिना अपने संबोधन के दौरान संचार और परामर्श के जरिए आम सहमति बनाने के महत्व पर जोर दिया। चीन के युवाओं को संबोधित करते हुए शी जिनपिंग ने कहा कि एक राष्ट्र तभी समृद्ध होगा जब उसके युवा समृद्ध होंगे। चीन को और विकसित करने के लिए, हमारे युवाओं को आगे आना चाहिए और अपनी जिम्मेदारियों को निभाना चाहिए।
जिनपिंग ने अपने संबोधन में ताइवान के मुद्दे पर भी बात की। उन्होंने कहा, ताइवान जलडमरू के दोनों पर बसे लोग एक ही परिवार के सदस्य हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि जलडमरू के दोनों किनारों पर हमारे हमवतन चीन की स्थायी समृद्धि को संयुक्त रूप से बढ़ावा देने के उद्देश्य की एकता के साथ मिलकर काम करेंगे।
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