भोपाल। गुजरात चुनाव में मिली ग्रांड सक्सेस को भाजपा मध्य प्रदेश में भी दोहरना चाहती है। इसके लिए गुजरात चुनाव मॉडल को प्रदेश में लागू करने की अटकलें भी है। गुजरात की जीत में पन्ना प्रमुख को मुख्य हथियार बताया जा रहा है। इसी तर्ज पर भाजपा पन्ना प्रमुख के सहारे मध्य प्रदेश में 2023 के चुनाव को बढ़े आकड़े से जीतने में जुट गई है। पार्टी का दावा है कि अब तक चार लाख पन्ना प्रमुख बना लिए है। साथ ही बूथ अध्यक्षों को पन्ना प्रमुख बनाने के साथ एप से जोडऩे की जिम्मेदारी दी गई है। मध्य प्रदेश में भाजपा चुनावी तैयारी में जुट गई है। उसका पूरा फोकस पन्ना प्रमुखों पर है। प्रदेश में 64 हजार 100 बूथ पर भाजपा पूरी तरह डिजिटल हो चुकी है। करीब 13 लाख बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को संगठन एप से जोड़ा गया है। बूथ पर भाजपा ने एक बूथ अध्यक्ष, महामंत्री और बीएलए की नियुक्ति की है। इसके साथ ही पन्ना प्रमुख और पन्ना समिति भी बनाई, लेकिन उनकी संख्या कम है। अब भाजपा ने बूथ अध्यक्षों को पन्ना प्रमुख और समिति बनाने और डिजिटल एप से जोडऩे के निर्देश दिए हैं।
अभी चार लाख पन्ना प्रमुख बनें
मध्य प्रदेश में वोटर लिस्ट में 18 लाख पन्ने है, जो बढ़कर 20 लाख के करीब पहुंचने की उम्मीद है। इसको देखते हुए ही मध्य प्रदेश में ही भाजपा को एक करोड़ से अधिक पन्ना समिति सदस्यों की आवश्यकता होगी। यह एक बड़ा नंबर है, जिसे भाजपा हासिल करना चाहती है। यदि यह सफल हो जाती है तो उसके पास सदस्य के प्रति परिवार तीन वोटर के हिसाब से सीधे सीधे तीन करोड़ वोट होंगे। अभी भाजपा के चार लाख पन्ना प्रमुख ही बनें है। इन पन्ना प्रमुख की मदद से ही भाजपा घर-घर तक पहुंच बनाएगी। गुजरात जीत के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा है कि हम पन्ना प्रमुख से आगे बढ़ कर अब घर घर अभियान पर काम कर रहे हैं। अब भाजपा की तरफ से कोई ना कोई घर-घर तक जाएगा और लोगों से संवाद स्थापित करेगा। बता दें इसमें पन्ना प्रमुख की भूमिका अहम होंगी।
यह है भाजपा की रणनीति
भाजपा की रणनीति पन्ना प्रमुख के माध्यम से केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का ना सिर्फ प्रचार प्रसार बल्कि हितग्राहियों को जोडऩा है। पीएम आवास, स्ट्रीट वेंडर योजना में लोन लेने वाले हितग्राहियों की मैपिंग करेंगे और उनको आईडेंटिफाई करेंगे। और उनको पार्टी की विचारधारा से जोडऩे का काम करेंगे। भाजपा के बूथ के डिजिटल होने से कार्यकर्ताओं तक एक क्लिक में संगठन के निर्णय और फैसलों की जानकारी पहुंच जाएंगी। बूथ का कार्यकर्ता जनता का फीडबैंक एप के माध्यम से संगठन तक आसानी से कम समय में पहुंचा सकेंगा। जिस पर पार्टी को निर्णय लेने में आसानी होगी। जनता तक पार्टी का मैसेज पहुंचाने में भी यह आसान होगा।
भाजपा की पन्ना समिति
चुनाव आयोग द्वारा जारी मतदाता सूची के हरेक पेज पर 30 नाम होते हैं। भाजपा ने एक पेज में शामिल 30 नामों में से पांच लोगों को पार्टी की पेज समिति का सदस्य बना रखे हैं, यानी चुनाव आयोग की सूची में शामिल हर 6वां व्यक्ति भाजपा पन्ना समिति का सदस्य। हर पन्ना सदस्य के घर में कम से कम तीन सदस्य तो होते ही हैं। कई पन्ना सदस्यों के घरों में 4-5 वोटर भी मौजूद हैं, जिससे उसके वोटर्स की संख्या बढ़ जाएगी। पार्टी नेता इसे मॉडरेट ढंग से जोड़ते हैं, तो भी प्रत्येक पन्ना सदस्य के घर का तीन वोट तो जुटता ही हैं। पन्ना समिति का एक पन्ना प्रमुख भी है, जो सभी सदस्यों से टच में रहता है। पन्ना प्रमुख की जिम्मेदारी होती है कि वह अपने 30 वोटर से बात करके उनसे संपर्क करके यह तय करें कि वह सभी मतदान करें और भाजपा के पक्ष में वोट करें। उत्तर प्रदेश और गुजरात में सफल रहे इस प्रयोग में कोशिश की गई कि समिति में ऐसे लोगों को सदस्य बनाया जाए, जिन्हें केंद्र या राज्य सरकार की योजना का लाभ मिला हो।
घर-घर संपर्क करने में कार्यकर्ता अभ्यस्त
भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि भाजपा ने बूथों को डिजिटल कर दिया है। भाजपा का कार्यकर्ता हर चुनाव में सक्रिय रहता है। वह घर-घर तक संपर्क करने में अभ्यस्त है। अब तकनीक के माध्यम से हम अपनी विचारधारा, सरकार की योजनाओं को कार्यकर्ता के माध्यम से लाभार्थियों से भी संपर्क कर पहुंचा रहे हैं। इसमें पर आने वाले समय में रणनीतिक तौर पर चरण बद्ध तरीके से तेजी लाएंगे।
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