मुंबई। भारत जोड़ो यात्रा (bhaarat jodo yaatra) के जरिए दक्षिणी राज्यों में जहां कांग्रेस (Congress) अपने बूते चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है, वहीं महाराष्ट्र (Maharashtra) सहित कई दूसरे राज्यों में पार्टी को अपनी कमजोरी का अहसास है। इसलिए पार्टी इन प्रदेशों में भारत जोड़ो यात्रा के जरिए गठबंधन को मजबूत करने का प्रयास करेगी।
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) की अगुआई में बालासाहेबंची शिवसेना और भाजपा गठबंधन सरकार (BJP coalition government) के गठन के बाद स्थितियां बदली हैं। इसलिए कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा के दौरान शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और एनसीपी के साथ मिलकर अपनी ताकत दिखाना चाहती है। प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Former Chief Minister Uddhav Thackeray) और एनसीपी प्रमुख शरद पवार (NCP chief Sharad Pawar) शामिल हो सकते हैं। पार्टी एक साझा रैली की भी तैयारी कर रही है। ताकि, महाविकास अघाड़ी को नए सिरे से और मजबूत किया जा सके।
इस सिलसिले में प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और शरद पवार से मुलाकात भी की थी। पार्टी के एक नेता के मुताबिक, उद्धव या उनके बेटे आदित्य ठाकरे और शरद पवार यात्रा में शामिल होंगे। यात्रा सात नवंबर को महाराष्ट्र में प्रवेश करेगी। भारत जोड़ो यात्रा प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण के क्षेत्र नांदेड से महाराष्ट्र में प्रवेश करेगी। करीब 16 दिन में यात्रा 383 किलोमीटर का सफर तय करेगी। इस दौरान पार्टी लगभग दस जनसभाएं करने की तैयारी कर रही है। इसके बाद यात्रा मध्य प्रदेश में दाखिल हो जाएगी।
दरअसल, दशहरा रैली में पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने भाजपा और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए कांग्रेस और एनसीपी की तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि उनके अपने लोगों ने उन्हें धोखा दिया, पर सोनिया गांधी और शरद पवार उनके साथ खड़े रहे।
इस बीच अंधेरी ईस्ट उपचुनाव में कांग्रेस ने शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की उम्मीदवार रुतुजा लटके को समर्थन का ऐलान किया था। प्रदेश कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि समर्थन के लिए धन्यवाद देने के लिए उद्धव ठाकरे ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को फोन किया था।
इसके साथ जांच एजेंसियों के दुरुपयोग और शिवसेना सांसद संजय राउत को गिरफ्तार किए जाने के खिलाफ राहुल गांधी ने आवाज उठाई थी। उन्होंने ईडी की इस कार्रवाई को बदले की भावना से उठाया गया कदम बताते हुए केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया था।
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