नई दिल्ली (New Delhi) । दिल्ली (Delhi) के जंतर-मंतर पर 23 दिन से धरना दे रहे पहलवानों ने अब आंदोलन (Agitation) को और धार देने की तैयारी शुरू कर दी है। उन्होंने एक बार फिर ऐलान किया कि जब तक भारतीय कुश्ती संघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह (President Brij Bhushan Sharan Singh) की गिरफ्तारी नहीं होती है, वे पीछे नहीं हटेंगे। इसके लिए पहलवान अंतरराष्ट्रीय स्तर (International Baccalaureate) पर समर्थन जुटाने के लिए विदेशी ओलंपिक चैंपियनों को पत्र लिखेंगे।
सोमवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह, जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक, भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद (Bhim Army Chief Chandrashekhar Azad) और किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी आदि पहुंचे।
मिस्ड कॉल देकर सहयोग करें :
प्रेसवार्ता में पहलवान (Wrestler) साक्षी मलिक ने कहा, भारत की बेटियों की लड़ाई में जो भी समर्थन देना चाहता है वह 9053903100 नंबर मिस्ड कॉल कर सकता है। आरोप लगाया कि रविवार रात धरना खराब करने की कोशिश की गई। उन्होंने बताया कि हम अपनी समस्या को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लेकर जाएंगे। बाहर के ओलंपिक चैंपियनों को पत्र लिखेंगे।
प्रदर्शन को जेल में तब्दील करने की कोशिश :
पहलवान विनेश फोगाट ने कहा, हम जंतर-मंतर से बाहर भी प्रदर्शन को बढ़ाएंगे। ऐसा महसूस हो रहा है कि प्रदर्शन को दबाने और जेल में तब्दील करने की कोशिश की जा रही है। इसे हर जन तक पहुंचना चाहते हैं, यह देश की बेटियों की लड़ाई है। यह अलग-अलग क्षेत्रों की महिलाओं की आवाज है। 21 मई के बाद बड़ा फैसला लेंगे। 16 मई को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को ज्ञापन देंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि रात में कुछ अंजान लोग आते हैं। हमारे वीडियो रिकॉर्ड करते हैं और फोटो लेते हैं। जब मना करते हैं तो उसके बाद चोरी-छिपे काम करते हैं।
रोकने का आरोप :
चंद्रशेखर आजाद को रात को पहलवानों ने पुलिस पर उन्हें रोकने का आरोप लगाया है। पहलवानों ने कहा कि उन्हें रोक दिया गया है। पूरा पुलिस बल लगा है। जेल जैसा माहौल कर रखा है। वहीं फिल्म अभिनेता बिंदु दारा सिंह भी धरना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि बेटियों को ऐसे देखकर ऊपर पापा की आत्मा को अशांति हो रही होगी।
समस्या का समाधान जल्द निकले : बीरेंद्र सिंह
पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने कहा कि बेटियों की समस्या का समाधान निकलना चाहिए। इस आंदोलन की पराकाष्ठा वह नहीं होगी जो किसान आंदोलन की हुई थी। देश का नाम रोशन करने वाली बेटियों के अधिकारों का हनन नहीं होना चाहिए। बीरेंद्र सिंह ने कहा, मैं इन मंत्रियों को भी जानता हूं। समाज को भी जानता हूं। मैं नौ साल पहले आया था। 42 साल कांग्रेस में रहा हूं। आज मैं भाजपा में हूं, लेकिन मुझे अभी भी बाहरी मानते हैं।
गांवों तक विरोध करेंगे चंद्रशेखर
भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि धरने को लंबा समय हो गया है, लेकिन इसका कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आया है। हम बिना सुविधाओं के इस आंदोलन को चलाएंगे। हमें अपनी बहनों का हौसला बढ़ाना है। यह प्रदर्शन गांव तक लेकर जाएंगे। चंद्रशेखर ने धरना स्थल पर रहने की घोषणा की।
25 को पंचायत चढूनी
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी सोमवार को जंतर-मंतर पहुंचे। उन्होंने कहा कि किसान संगठनों की तरफ से सरकार को कहना चाहते हैं कि यह इतनी बड़ी बात नहीं है, जो पूरा नहीं हो सकती। न्याय इंसाफ मांग रहे हैं। पहलवानों के समर्थन में हरियाणा के खटकड़ टोल पर 25 मई को बड़ी पंचायत करेंगे। चार मई को सोनीपत में आंदोलन को धार देने के लिए बड़ी पंचायत करेंगे।
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