बीजिंग: भारत (India) और जापान (Japan) के बीच एक बड़ी डिफेंस डील (big defence deal ) की तैयारी हो रही है। इसके तहत भारत, जापान से नौसेना (Navy) के लिए एंटेना (Antennas) खरीदने की योजना बना रहा है। यह भारत को उसका पहला बड़ा रक्षा निर्यात होगा। इस सौदे की घोषणा मंगलवार को दिल्ली में भारत-जापान “2+2” मंत्रिस्तरीय बैठक के दौरान की जा सकती है। इस एंटेना की मदद से भारतीय नौसेना समुद्र में अपने दुश्मनों का शिकार करेगी। भारत हिंद महासागर में चीन (China) की बढ़ती मौजूदगी से परेशान है। चीनी नौसेना दक्षिण चीन सागर से लेकर अफ्रीका महाद्वीप तक अपनी उपस्थिति बढ़ा रही है।
जापानी एंटेना कितना ताकतवर
हमारे सहयोगी प्रकाशन इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर 2022 के बाद से यह दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों की पहली 2+2 मंत्रिस्तरीय बैठक होगी। एनईसी और अन्य जापानी कंपनियों द्वारा विकसित एंटेना का इस्तेमाल जापानी नौसेना पहले से ही करती है। उसने अपने अडवांस एस्कॉर्ट जहाजों पर पहले से ही इस एंटेना को लगा रखा है। ये एंटेना मिसाइलों और ड्रोन की हरकतों का तेजी से पता लगाने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि एंटेना के उपयोग से संयुक्त रक्षा अभ्यास के दौरान दोनों देशों की नौसेना में बेहतर तालमेल बनेगी और उनके बीच संदेशों का आदान-प्रदान करना भी आसान हो जाएगा।
रक्षा सहयोग बढ़ाएंगे भारत-जापान
बैठक के पिछले संस्करण में, दोनों देशों ने सहयोग बढ़ाने की संभावनाओं पर चर्चा की थी। ऐसे में आगामी बैठक में रक्षा उद्योग साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए ठोस उपाय किए जाएंगे। दोनों पक्ष संयुक्त अभ्यास की गुणवत्ता और मात्रा के साथ-साथ क्वाड सदस्यों के मालाबार अभ्यास पर भी ध्यान केंद्रित करेंगे। लोगों ने कहा कि मंगलवार को होने वाली बैठक के एजेंडे में दक्षिण चीन सागर क्षेत्र और पूर्वी चीन सागर क्षेत्र की स्थिति भी शामिल होगी।
चीन के खिलाफ रणनीति बना रहे भारत-जापान
पिछली 2+2 बैठक में दोनों देशों के मंत्रियों ने एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत को प्राप्त करने के साझा रणनीतिक लक्ष्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला था। उन्होंने आसियान की एकता और केंद्रीयता के लिए अपने मजबूत समर्थन और “हिंद-प्रशांत पर आसियान दृष्टिकोण” के लिए अपने पूर्ण समर्थन को भी दोहराया था, जो कानून के शासन, खुलेपन, स्वतंत्रता, पारदर्शिता और समावेशिता जैसे सिद्धांतों को कायम रखता है। जापान ने अगले पांच वर्षों के भीतर देश की रक्षा क्षमताओं को मौलिक रूप से मजबूत करने और इस उद्देश्य के लिए रक्षा बजट में पर्याप्त वृद्धि का ऐलान किया है।
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