उज्जैन। महाकाल मंदिर के पीछे तथा आसपास विस्तारीकरण योजना में गुजरात की कंपनी को 165 करोड़ का ठेका दिया गया है जिसमें से 100 करोड़ दूसरे भगवान एवं अन्य धार्मिक मूर्ति बनाने के हैं। यह मूर्तियाँ एफआरबी मटेरियल की होंगी लेकिन इन मूर्तियों में पत्थर की मूर्तियों जैसी गुणवत्ता नहीं होती।
स्मार्ट सिटी का दर्जा उज्जैन शहर को मिलने के बाद स्मार्ट सिटी मिशन मद से सिर्फ महाकालेश्वर मंदिर परिसर के आसपास मंदिर परिसर के विस्तार की कार्य योजना चल रही है। इस परियोजना में श्री महाकाल मंदिर परिसर विस्तार योजना के अंतर्गत रूद्र सागर क्षेत्र में भव्य मूर्तियां और गार्डन बनाए जाने का कार्य किया जा रहा है इस कार्य के लिए सूरत गुजरात की एमपी बावरिया को मिला 165 करोड़ का ठेका। महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अंतर्गत महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य द्वार एवं महाकालेश्वर मंदिर के पीछे गणेश मंदिर के पास वाली धर्मशाला अन्न क्षेत्र महाकाल प्रवचन हाल का निर्माण कार्य शामिल है। महाकाल मंदिर परिसर विस्तार योजना के अंतर्गत स्मार्ट सिटी मिशन मद से रूद्र सागर क्षेत्र में भगवान शंकर, सप्त ऋषि, श्री गणेश एवं अन्य मूर्तियों का निर्माण एवं गार्डन, पार्किंग बनाए जाना प्रस्तावित है। एमपी बावरिया कंपनी के संचालक संजय झलवाडिय़ा ने बताया कि 97 करोड़ के प्रोजेक्ट के अंतर्गत 10 फिट से लेकर 25 फिट तक की मूर्तियों का निर्माण कार्य किया जाएगा एवं गार्डन बनाए जाएंगे। मूर्तियों का निर्माण एफआरबी जो कि प्लास्टर ऑफ पेरिस जैसा ही किंतु अच्छी गुणवत्ता का होता है एवं फाइबर की मदद से मूर्तियों का निर्माण किया जाएगा।
अभी क्षेत्र में कुल कितनी मूर्तियां लगेगी यह ज्ञात नहीं है लेकिन फाइनल ड्राइंग आने पर है बता सकते हैं। फिलहाल 20-25 मूर्तियां बन रही है और बाकी जगह गार्डन का निर्माण किया जाएगा। यह कार्य दिसंबर 2021 तक पूर्ण करने का प्रयास किया जा रहा है। उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड के सीईओ जितेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि एमपी बावरिया कंपनी को रुद्रसागर क्षेत्र में लगभग 165 करोड़ के प्रोजेक्ट मिले हैं जिन पर वह कार्य कर रही है जिसमें मूर्तियों का निर्माण गार्डन का निर्माण दीवार एवं दीवार पर लगी मूर्तियां शिव स्तंभ महाकाल द्वार पार्किंग आदि शामिल है एवं द्वितीय फेस में स्कूल निर्माण का कार्य भी एमपी बावरिया कंपनी को दिया जा चुका है। मार्च 2019 में एमपी बावरिया कंपनी को 98 करोड़ का ठेका दिया गया जो बढ़ते बढ़ते 165 करोड़ कर दिया गया। उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अधिकारियों का कहना है कि पूरी कार्य योजना के लिए मार्च 2019 में टेंडर प्रक्रिया की गई थी जिसमें एमपी बावरिया कंपनी समेत इंदौर नई दिल्ली की चार कंपनियों ने भाग लिया था जिसमें 0.7 प्रतिशत सबसे कम रेट के कारण से एमपी बावरिया कंपनी को यह ठेका दिया गया कंपनी को यह प्रोजेक्ट 18 माह में पूरा किया जाना चाहिए था। अर्थात दिसंबर 2020 तक पूर्ण करना था, लेकिन कई कारणों से इस कार्य के पूर्ण होने में विलंब हो रहा है। इस योजना में अलग-अलग कार्य के लिए अलग-अलग टेंडर आमंत्रित नहीं किए गए हैं इसमें संपूर्ण कार्य योजना के लिए टेंडर दिया गया है। बहरहाल स्मार्ट सिटी उज्जैन में विकास के नाम पर महाकाल मंदिर परिसर विस्तार योजना पर ही कार्य किया जा रहा है जिसमें सिर्फ 100 करोड़ की लागत से भव्य मूर्तियां और बगीचे बनाए जा रहे हैं किंतु इस योजना से उज्जैन का कितना विकास होता है यह समय ही बताएगा, लेकिन इतना जरूर है की 700 करोड़ से अधिक की श्री महाकाल मंदिर परिसर विस्तार योजना के प्रथम फेस में 80 प्रतिशत कार्य गुजरात की एमपी बावरिया कंपनी कर रही है।
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