भोपाल। मप्र में 31 जुलाई तब तबादले होने हैं, लेकिन अभी तक तबादलों (Transfers) की सूची विभागों में अटकी हुई है। ऐसे में तबादला अवधि बढ़ाने की मांग उठने लगी है। सूत्रों का कहना है कि मंत्रियों ने इस संबंध में मुख्यमंत्री (Chief Minister) से भी बात की है। संभावना जताई जा रही है कि तबादला अवधि बढ़ाकर 15 जुलाई तक की जा सकती है। कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Government) ने 2019 में 5 जून से 5 जुलाई के बीच ट्रांसफर पॉलिसी (Transfer Policy) लागू की थी। तब 1 महीने में 70 हजार आवेदनों के बीच थोकबंद तबादले हुए थे। भाजपा सरकार (BJP Government) ने ट्रांसफर पॉलिसी (Transfer Policy) में मार्च में बदलाव किया था। तब 1 से 31 जुलाई के लिए प्रतिबंध हटाया गया है।
गौरतलब है कि प्रदेश में पहली बार ऑनलाइन पैटर्न (Online Pattern) वाली ट्रांसफर पॉलिसी लागू हो चुकी है, लेकिन 25 दिन से विभागों में तबादले अटके है। राज्य सरकार के प्रतिबंध हटाने के बाद तबादलों की प्रक्रिया शुरू करने के बाद लगभग 24 हजार थोकबंद आवेदनों और विधायकों की सिफारिशों के चलते सूची अटकी हुई है। मंत्रियों के पास विभागों में दस फीसदी तबादले के अधिकार हैं, लेकिन आवेदनों की संख्या के चलते 20 से 25 प्रतिशत आवेदन भेज चुके हैं। राज्य शासन असमंजस और ज्यादा आवेदनों के कारण तबादलों की अवधि एक महीना आगे बढ़ाने की तैयारी में है।
मनचाही पोस्ंिटग पाने की कवायद
दो साल बाद तबादलों पर बेन हटने से अफसर-कर्मचारियों में मनचाही पोस्ंिटग पाने की कवायद शुरू हो गई है। मंत्रियों के बंगलों पर बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ रही है, जिसके चलते विभागों तक सिफारिश वाली फायनल लिस्ट नहीं पहुंच सकी है। इन सूची को अंतिम रूप देने में समय लगेगा। ऐसे में सामान्य प्रशासन विभाग(जीएडी) अगले महीने प्रस्तावित विधानसभा सत्र और स्वतंत्रता दिवस होने की वजह से तबादला अवधि बढ़ाने का प्रस्ताव भेज सकता है। इसे 1 से 31 अगस्त तक तबादलों की अवधि को बढ़ाया जा सकता है।
ट्रांसफर पॉलिसी के अहम बदलाव
भाजपा शासन में पिछले साल जिन अफसर-कर्मचारियों के तबादले किए गए हैं, उनके तबादलों के सीधे अधिकार प्रभारी मंत्री के पास नहीं होंगे। इस तरह के तबादलों के प्रस्ताव सीएम कोआर्डिनेशन में भेजने के बाद ही मंजूर हो सकेंगे। आईएएस-आईपीएस के तबादले पहले की तरह सीएम को र्डिनेशन से होंगे। किसी भी क्लास वन ऑफिसर को तबादले के खिलाफ अपील करने के लिए मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री के पास आवेदन करने की छूट रहेगी। कोरोना पॉलिसी में नए बिन्दु जोड़े गए है। कोरोना से गंभीर बीमार को तबादलों में राहत रहेगी।
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