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यूक्रेन को बांटने की तैयारी, डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत ने दिया रूस-यूरोप में बंटवारे का प्लान

  • April 13, 2025

    न्यूयॉर्क/ वॉशिंगटन. रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच तीन साल से युद्ध चल रहा है. शांति और समझौते के तमाम प्रयास अब तक सिफर ही रहे हैं. इस बीच, अमेरिका (America) दोनों पक्षों से बातचीत कर रहा है और शांति के प्रस्ताव का फॉर्मूला निकाल रहा है. खबर है कि यूक्रेन-रूस डील को लेकर ट्रंप प्रशासन (Trump Administration) ने चौंकाने वाला सुझाव तैयार किया है. ट्रंप के विशेष दूत ने यूक्रेन के कुछ अहम इलाके रूस को देने की वकालत की है. उन्होंने रूस को चार यूक्रेनी इलाके देने का प्रस्ताव दिया है. हालांकि, इस ‘डील’ पर ट्रंप प्रशासन के भीतर ही रणनीतिक मतभेद देखे जा रहे हैं.


    दरअसल, पिछले हफ्ते रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनी तरफ से एक वार्ताकार को वॉशिंगटन भेजा था. रूसी वार्ताकार ने ट्रंप प्रशासन के साथ डिनर में हिस्सा लिया था और यूक्रेन-रूस में शांति पर चर्चा की थी. इस डिनर के 48 घंटे से भी कम समय बाद बड़ी जानकारी निकलकर सामने आई है. मॉस्को के साथ बातचीत का नेतृत्व कर रहे अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की और सीधी बात रखी है.

    ‘चार पूर्वी यूक्रेनी क्षेत्रों को रूस को सौंप दिया जाए’
    विटकॉफ ने कहा, यूक्रेन में युद्धविराम का सबसे सटीक रास्ता यह है कि रूस को 2022 में अवैध रूप से कब्जाने की कोशिश किए गए चार पूर्वी यूक्रेनी क्षेत्रों की मालिकाना जिम्मेदारी दे दी जाए. दो अमेरिकी अधिकारियों और स्थिति से परिचित पांच लोगों ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने युद्धविराम कराने का यह सबसे तेज तरीका बताया है.

    यह वही पॉइंट है, जिसे विटकॉफ पहले भी उठा चुके हैं. हाल ही में एक पॉडकास्ट इंटरव्यू में भी उन्होंने यही बात दोहराई थी. हालांकि, कीव (यूक्रेन) इस प्रस्ताव को पहले ही खारिज कर चुका है. कुछ अमेरिकी और यूरोपीय अधिकारी भी इसे रूस की अत्यधिक मांग मानते हैं.

    विटकॉफ के प्रस्ताव का विरोध
    सूत्रों के मुताबिक, व्हाइट हाउस में बैठक के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप के यूक्रेन मामलों के विशेष दूत जनरल कीथ केलीग ने विटकॉफ के प्रस्ताव का विरोध किया और कहा कि यूक्रेन विवादित जमीन से संबंधित कुछ शर्तों पर बातचीत करने के लिए तैयार हो सकता है, लेकिन वो कभी भी इन क्षेत्रों का पूर्ण स्वामित्व रूस को एकतरफा सौंपे जाने के लिए तैयार नहीं होगा.

    पुतिन से मिलने रूस पहुंचे विटकॉफ
    फिलहाल, यह बैठक बिना किसी निर्णय के समाप्त हो गई. यानी यह तय नहीं हो पाया कि अमेरिका अपनी रणनीति में बदलाव करेगा या नहीं. वहीं, विटकॉफ शुक्रवार को पुतिन से मिलने के लिए रूस पहुंच गए. उन्होंने सेंट पीटर्सबर्ग में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की.

    बताते चलें कि यूक्रेन और रूस के बीच गतिरोध समाप्त करने को लेकर ट्रंप प्रशासन के भीतर मतभेद बढ़ते जा रहे हैं. विटकॉफ और केलीग के बीच रणनीति को लेकर गहरे मतभेद हैं. अमेरिकी अधिकारियों और इससे जुड़े लोगों और प्रशासन के संपर्क में रहने वाले चार पश्चिमी राजनयिक भी मतभेद की बात स्वीकारते हैं.

    विटकॉफ का कार्यालय, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद, विदेश विभाग, यूक्रेन के विदेश मंत्रालय और वॉशिंगटन स्थित रूसी दूतावास ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है.

    इससे पहले विटकॉफ ने सुरक्षा नियमों को दरकिनार किया और व्हाइट हाउस की बैठक से पहले अपने निजी आवास पर रूसी वार्ताकार किरिल दिमित्रिएव को डिनर के लिए आमंत्रित किया. किरिल दिमित्रिएव 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर किए गए हमले के बाद अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना कर रहे हैं.

    इससे व्हाइट हाउस और विदेश विभाग के अंदर हड़कंप मच गया. अमेरिका में आमतौर पर रूसी अधिकारियों को घर पर बुलाने से बचा जाता है. माना जाता है कि रूस की खुफिया क्षमताएं काफी मजबूत होती हैं. बाद में यह डिनर व्हाइट हाउस में आयोजित किया गया.

    ट्रंप के पुराने दोस्त हैं विटकॉफ
    विटकॉफ ट्रंप के पुराने दोस्त हैं और उनके लिए कई कूटनीतिक सफलताएं ला चुके हैं. उन्हें रिपब्लिकन पार्टी के यूक्रेन-विरोधी तबके का कुछ समर्थन भी हासिल है, लेकिन उनके प्रस्तावों से उन रिपब्लिकनों में गुस्सा है जो मानते हैं कि ट्रंप प्रशासन मॉस्को की तरफ बहुत ज्यादा झुक गया है.

    सूत्र बताते हैं कि कार्लसन के इंटरव्यू के बाद कई रिपब्लिकन सांसदों ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज और विदेश मंत्री मार्को रुबियो से फोन पर बात की और विटकॉफ को स्पष्ट रूप से रूस समर्थक माने जाने वाली स्थिति पर चिंता जताई.

    जनवरी में ट्रंप के दोबारा पद संभालने के बाद से अमेरिका की विदेश नीति में भारी बदलाव आया है. उन्होंने यूक्रेन पर युद्धविराम के लिए दबाव बनाना शुरू किया और बाइडेन प्रशासन द्वारा रूस पर लगाए गए कई प्रतिबंधों को नरम कर दिया.

    कुछ अमेरिकी और यूरोपीय अधिकारियों को चिंतिंत हैं कि जैसे-जैसे विटकॉफ ट्रंप की रणनीति को आगे बढ़ा रहे हैं, रूस उनके अनुभव की कमी का फायदा उठा रहा है. यह बात दो अमेरिकी अधिकारियों और प्रशासन के भीतर विचार-विमर्श से परिचित एक दर्जन से अधिक लोगों और पश्चिमी राजनयिकों ने कही.

    ‘विटकॉफ को हटाओ और रुबियो को लाओ’
    रिपब्लिकन पार्टी के एक प्रमुख डोनर्स एरिक लेवीन ने 26 मार्च को पत्र लिखा और कहा, विटकॉफ को जाना होगा और रुबियो को उनकी जगह लेनी होगी. यह पत्र कई रिपब्लिकन डोनर्स को भेजे गए हैं. यह पत्र कार्लसन इंटरव्यू और फॉक्स न्यूज पर विटकॉफ की उपस्थिति के बाद लिखे गए हैं. विटकॉफ ने पुतिन की खुलकर तारीफ की थी.

    इससे पहले ट्रंप ने कई बार कहा है कि वो मई तक यूक्रेन में युद्धविराम कराना चाहते हैं. उनका तर्क है कि अमेरिका को इस संघर्ष को समाप्त करना चाहिए, जिसमें लाखों लोग मारे गए हैं और जो अमेरिका और परमाणु संपन्न रूस के बीच सीधे टकराव का खतरा पैदा कर सकता है. हालांकि, अब तक की दो आंशिक युद्धविराम समझौते अटक गए हैं और राष्ट्रपति इस प्रगति की धीमी गति से निराश हैं.

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