नई दिल्ली: भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी ISRO ने इस साल चंद्रयान-3 के जरिए सफलता का इतिहास रचा. इस मिशन से भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला पहला और इकलौता देश बन बना. चंद्रयान-3 के बाद आदित्य एल-1 और फिर गगनयान फ्लाइट की सफल टेस्टिंग ने झंडे गाड़ दिए. अब इसरो फिर इतिहास रचने की तरफ आगे बढ़ रहा है.
इसरो अगले दो सालों में कौन-कौन से मिशन को लॉन्च करेगा, इसकी जानकारी सामने आई है. संसद के शीतकालीन सत्र के प्रश्न काल में सरकार ने अगले दो सालों लॉन्च होने वाले इसरो के स्पेस मिशन की जानकारी दी है. विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि इसरो 2024 और 2025 में कौन-कौन से मिशन भेजने की योजना बना रहा है. इसमें सबसे ज्यादा चर्चा NISAR और गगनयान मिशन की हो रही है.
गगनयान: अंतरिक्ष तक पहुंचेंगे इंसान, शुरुआती टेस्टिंग सफल रही
गगनयन मिशन में 3 लोगों को अंतरिक्ष में भेजा जाना है. यह भारत का पहला ह्यूमन मिशन होगा. इस मिशन में स्पेसक्राफ्ट को धरती से 400 किलोमीटर दूर की कक्षा में स्थापित किया जाएगा. यह मिशन 3 दिन लंबा होगा. अंतरिक्ष में 3 दिन बिताने के बाद, सभी अंतरिक्ष यात्रियों को समुद्र में सुरक्षित लैंड कराकर धरती पर वापस लाया जाएगा. इस मिशन पर तेजी से काम हो रहा है.
अक्टूबर में गगनयान मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट (TV-D1) को लाॅन्च किया गया था. इसका मकसद क्रू मॉड्यूल का परीक्षण करना था. गगनयान के इस परीक्षण से टेस्ट किया गया कि अंतरिक्ष यात्रा के दौरान कुछ गड़बड़ी होने पर भी अंतरिक्ष यात्री सुरक्षित रहेंगे. गगनयान मिशन का लक्ष्य 2025 में भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजने का है. मंत्री जीतेंद्र सिंह ने लोकसभा में बताया कि आने वाले समय में गगनयान कार्यक्रम के तहत परीक्षण उड़ानों को प्लान किया गया है.
निसार: भारतीय मिशन के लिए NASA और ISRO ने मिलाया हाथ
इसरो के आगामी स्पेस मिशनों में NISAR यानी सिंथेटिक एपर्चर रडार मिशन भी शमिल है. इसरो यह मिशन अमेरिका की स्पेस एजेंसीनासा के साथ मिलकर कर रहा है. इस मिशन का लक्ष्य दोहरी फ्रीक्वेंसी वाले रेडारइमेजिंग सैटेलाइट को डिजाइन करने से लेकर उसे लॉन्च तक करना है. नासा के अनुसार, इससे मिलने वाला डेटा वैज्ञानिकों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को बेहतर ढंग से समझने के लिए जानकारी देगा.
NISAR को तीन अलग-अलग चरणों में विकसित किया जा रहा है. NISAR से 12 दिनों में पूरी धरती का मानचित्रण किया जा सकेगा. इस सैटेलाइट को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से जनवरी 2024 में लॉन्च किए जाने की उम्मीद है.
इन मिशनों पर हो रहा है काम
NISAR और गगनयान के अलावा इसरो और भी कई मिशन पर काम कर रहा है. मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि इसरो ने अगले दो सालों में इन मिशनों को लाॅन्च करने का प्लान बनाया है- INSAT-3DS, RISAT-1B, Resourcesat-3, TDS01, SPADEX, Oceansat-3A, IDRSS, GSAT-20 और NVS-02. इन सभी मिशनों का नेतृत्व भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो करेगी.
जितेंद्र सिंह ने आगे बताया कि स्पेस सेक्टर में किए गए सुधारों का असर देखा जा सकता है. स्पेस स्टार्ट-अप की संख्या 2014 में 1 से बढ़कर 2023 में 200 से ज्यादा हो गई है. इन भारतीय स्पेस स्टार्ट-अप में 124.7 मिलियन डॉलरका निवेश भी हुआ है.
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