उज्जैन। सीएनजी की बढ़ती कीमतों के खिलाफ कल सुबह से दिल्ली में रिक्शा और कैब संचालक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर उतर गए हैं। इसका असर उज्जैन में भी नजर आ रहा है और इंदौर के रिक्शा और वैन-मैजिक चालक भी सीएनजी की कीमतें कम करने या किराया बढ़ाए जाने को लेकर विरोध प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं, जिसमें मांगें नहीं मानी जाने पर हड़ताल भी की जाएगी। इसे लेकर उज्जैन में रिक्शा चालक बैठक कर रणनीति तैयार करेंगे। उज्जैन में इसी माह सीएनजी की कीमतों में 7 रुपए प्रतिकिलो की वृद्धि हो चुकी है। 31 मार्च को जहां सीएनजी की कीमत 79 रुपए थी, वहीं 1 अप्रैल को इसमें 4.5 रुपए और 12 अप्रैल को 2.5 रुपए की बढ़ोतरी की गई। इसके बाद अब सीएनजी की कीमत 86 रुपए प्रतिकिलो हो चुकी है। ऑटो रिक्शा चालकों महासंघ के मेहमूद खान ने बताया कि इस माह हुई मूल्यवृद्धि अब तक के इतिहास में सीएनजी की कीमतों में एक ही माह में हुई सर्वाधिक बढ़ोतरी है। इसके कारण सीएनजी से चलने वाले वाहनों जैसे रिक्शा, वैन, मैजिक और बसों व लोडिंग वाहनों का संचालन काफी महंगा हो गया है। वहीं किराया पुरानी दरों पर ही लागू है, जिससे वाहन चालकों के लिए वाहन चलाकर घर चलाना मुश्किल होता जा रहा है। इसे लेकर रिक्शा चालक खासे नाराज हैं। मूल्यवृद्धि के खिलाफ कल शहर के रिक्शा चालक बैठक कर कीमतें कम किए जाने या रिक्शा का किराया बढ़ाए जाने को लेकर विरोध प्रदर्शन की रणनीति तैयार करेंगे।
रिक्शा का किराया 17 से बढ़ाकर 20 करने की मांग
मेहमूद खान ने बताया कि अभी रिक्शा का किराया पहले किलोमीटर पर 17 रुपए और बाद के हर किलोमीटर पर 14 रुपए की दर से लागू है। लेकिन जिस तरह शासन सीएनजी की कीमतों में वृद्धि कर रहा है, उससे इस दर पर संचालन मुश्किल है। इसलिए अगर शासन कीमतों में कमी नहीं करता है तो रिक्शा चालकों की मांग है कि शासन रिक्शा का किराया पहले किलोमीटर पर बढ़ाकर 20 रुपए और बाद के हर किलोमीटर के लिए 17 रुपए तय करे।
पालकों से लेकर आम लोगों की जेब पर पड़ेगा बोझ
शासन अगर सीएनजी की कीमतें कम नहीं करता है तो रिक्शा चालकों द्वारा स्कूली रिक्शा का किराया तो अगले माह से ही बढ़ा दिया जाएगा, क्योंकि यह किराया शासन तय नहीं करता है। वहीं सवारी रिक्शा का किराया भी दबाव में अगर बढ़ता है तो इसका सीधा असर आम लोगों की जेब पर पड़ेगा और पहले से महंगाई की मार झेल रहे लोगों की हालत और खराब होगी।
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