उज्जैन। 11 दिसम्बर को इस वर्ष की अन्तिम लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। इस लोक अदालत में चेक बाउंस सहित कई मामलों के निराकरण किए जाएंगे तथा समझौता होने के बाद प्रकरण के जुर्माने में भारी छूट जाएगी। लोक अदालत के प्रचार-प्रसार हेतु आयोजित प्रेसवार्ता में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एनपी सिंह द्वारा पक्षकारों से अपील की गई कि वे अपने राजीनामा योग्य लम्बित एवं प्रीलिटिगेशन प्रकरणों को नेशनल लोक अदालत में आपसी समझौते के माध्यम से राजीनामा के आधार पर प्रकरणों का निराकरण करवाएं। उन्होंने बताया कि इस हेतु जिला न्यायालय में पदस्थ समस्त न्यायिक अधिकारियों के द्वारा न्यायालय में लम्बित प्रकरणों को चिन्हित कर प्रीसीटिंग की कार्यवाही प्रतिदिन की जा रही है। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री एनपी सिंह ने बताया कि लोक अदालत में न्यायालय में लम्बित प्रकरण जैसे दीवानी, आपराधिक, चेक बाउंस, मोटर दुर्घटना, क्षतिपूर्ति दावा, पारिवारिक प्रकरण, भूमि अधिग्रहण, विद्युत प्रकरण, श्रम एवं रोजगार, मनी रिकवरी, जनुपयोगी लोक अदालत जैसे समस्त राजीनामा योग्य प्रकरण, बैंक रिकवरी, बिजली एवं जल कर, सम्पत्ति कर सम्बन्धित प्रीलिटिगेशन आदि प्रकरणों का निराकरण सुलह एवं समझौते के माध्यम से किया जायेगा।
उन्होंने जन-सामान्य से अपील की है कि जो भी व्यक्ति लोक अदालत के माध्यम से अपने प्रकरण का निपटारा कराना चाहते हैं वे सम्बन्धित न्यायालय अथवा विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय में आकर सम्पर्क कर सकते हैं। आपने विशेष रूप से बताया कि इन मामलों को लोक अदालत में निपटाया जाता है तो अभियुक्त पर लगने वाले अर्थदण्ड में विशेष छूट प्रदान की जायेगी। इसी प्रकार जल कर, सम्पत्ति कर एवं विद्युत चोरी के मामले में भी निर्धारित छूट का लाभ प्रदान किया जाएगा। प्राधिकरण के सचिव जिला न्यायाधीश अरविंद जैन के द्वारा बताया गया कि लोक अदालत के प्रचार-प्रसार हेतु विद्युत विभाग, नगर निगम, परिवहन विभाग, पैरालीगल वॉलेंटियर के माध्यम से रैलियों का आयोजन कर व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इसी सन्दर्भ में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा रेडियो दस्तक के माध्यम से भी जन-सामान्य से अपील की गई है। वर्तमान में लोक अदालत हेतु न्यायालय में लम्बित कुल 6860 प्रकरण तथा प्रीलिटिगेशन के 7670 प्रकरण, इस तरह कुल 14530 प्रकरण रखे जा चुके हैं और आगे भी दिन-प्रतिदिन प्रकरणों को रखा जा रहा है। तहसील स्तर पर न्यायालयों में भी मीटिंग आयोजित कर एवं रैलियां निकाल कर आमजन को लोक अदालत के बारे में जानकारी दी जा रही है। तहसील स्तर के न्यायालयों की कुल 41 खण्डपीठों के माध्यम से प्रकरणों का निराकरण किया जायेगा।
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