नई दिल्ली: केंद्र में मोदी सरकार 3.0 के गठन (Formation of Modi Government 3.0 at the Centre) को लेकर मंथन जारी है. हालांकि इस बार नरेंद्र मोदी एनडीए के सहयोगी दलों की मदद से प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे (Modi will take oath as Prime Minister with the help of NDA allies). कारण, बीजेपी इस लोकसभा चुनाव में 272 का बहुमत वाला जादुई आंकड़ा पार नहीं कर सकी. माना जा रहा है कि 7 जून को होने वाले एनडीए की बैठक के अगले दिन यानी 8 या 9 जून को नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे (Narendra Modi will take oath as Prime Minister). प्रधानमंत्री पद के शपथग्रहण समारोह का निमंत्रण भी कई देशों को दे दिया गया है. इसके लिए मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को भी न्योता भेजा गया है.
दरअसल, इससे पहले नरेंद्र मोदी की तरफ से कई और देशों को निमंत्रण दिया गया था. इनमें भूटान नरेश, श्रीलंका के राष्ट्रपति, नेपाल, बांग्लादेश और मौरिशस के प्रधानमंत्री शामिल हैं. इस लिस्ट में अब मालदीव का नाम भी जुड़ गया है. दरअसल, लोकसभा चुनावों के नतीजों के बाद लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दुनिया भर से शुभकामनाएं आ रही हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन, रूस के राष्ट्रपति पुतिन, फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रो और मालदीव के राष्ट्रपति की तरफ से प्रधानमंत्री को बधाई संदेश भेजा गया. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हसीना ने भी बुधवार शाम मोदी को फोन करके चुनाव में जीत की बधाई दी. मोदी ने प्रधानमंत्री हसीना को अपने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का न्योता दिया.
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद मालदीव की सरकार के तीन मंत्रियों ने पीएम मोदी के इस दौरे की कुछ तस्वीरों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच राजनयिक विवाद गहराया था. मामले पर विवाद बढ़ने के बाद इन तीनों मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया गया था. वहीं इससे पहले मुइज्जू ने मालदीव में तैनात भारतीय सैनिकों को वापस भेजने का भी फैसला किया था. इसके बाद से दोनों देशों के रिश्तों को लेकर तमाम चर्चाएं शुरू हो गई थीं. लेकिन भारत इसके बाद भी मालदीव की तरह-तरह से मदद करता रहा है. अब इस बीच मालदीव को नरेंद्र मोदी के शपथग्रहण का न्योता काफी अहम है.
बता दें कि बुधवार को NDA के दलों के नेताओं की दिल्ली बैठक हुई. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जे.पी. नड्डा, राजनाथ सिंह, अमित शाह, चंद्रबाबू नायडू, नीतीश कुमार, एकनाथ शिंदे, एच.डी. कुमारस्वामी, चिराग पासवान, जीतन राम मांझी, पवन कल्याण शामिल रहे. इनके अलावा सुनील तटकरे, अनुप्रिया पटेल, जयंत चौधरी, प्रफुल्ल पटेल, प्रमोद बोरो, अतुल बोरा, इंद्र हंग सुब्बा, सुदेश महतो, राजीव रंजन सिंह और संजय झा भी शामिल हुए. बैठक प्रधानमंत्री के सरकारी आवास LKM पर हुई.
उक्त नेताओं द्वारा हस्ताक्षर किए गए समर्थन प्रस्ताव में कहा गया कि 2024 भारत के 140 करोड़ देशवासियों ने पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों से देश को हर क्षेत्र में विकसित होते देखा है. बहुत लंबे अंतराल, लगभग 6 दशक के बाद भारत की जनता ने लगातार तीसरी बार पूर्ण बहुमत से सशक्त नेतृत्व को चुना है. हम सभी को गर्व है कि 2024 का लोकसभा चुनाव एनडीए ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एकजुटता से लड़ा और जीता. हम सभी एनडीए के नेता नरेंद्र मोदी को सर्वसम्मति से अपना नेता चुनते हैं.
गौरतलब है कि मोदी सरकार 3.0 का कार्यकाल गठबंधन में पहले दो कार्यकाल से अलग होने जा रहा है. कारण, वन नेशन वन इलेक्शन हो या फिर यूनिफॉर्म सिविल कोड, सीएए का मुद्दा या मुस्लिम आरक्षण. बीजेपी से अलग जेडीयू और टी़डीपी का स्टैंड रहा है. और अब गठबंधन में शपथग्रहण से पहले सहयोगियों की तरफ से सूत्र बताने लगे हैं कि मंत्री पद को लेकर दिल में अरमान क्या हैं. सूत्रों के मुताबिक NDA के प्रमुख साथ टीडीपी की तरफ से लोकसभा स्पीकर से लेकर पांच से छह मंत्रियों की मांग रखी गई है. टीडीपी की डिमांड लिस्ट में सड़क-परिवहन, ग्रामीण विकास, हेल्थ, आवास एवं शहरी विकास, जल शक्ति और फाइनेंस (MoS) की डिमांड रखी गई है. बड़ी बात ये है कि अहम मंत्रालय के साथ-साथ चंद्रबाबू नायडू आंध्र प्रदेश के लिए स्पेशल स्टेटस की मांग भी कर सकते हैं.
वहीं सूत्रों का कहना है कि JDU की तरफ से 3 कैबिनेट मंत्रियों की मांग की गई है. शिवसेना के एकनाथ शिंदे भी एक कैबिनेट और 2 MoS चाहते हैं. अगर बात चिराग पासवान की करें तो मोदी मंत्रिमंडल में कम से कम दो मंत्रीपद की उम्मीद लगाकर बैठे हैं. ठीक ऐसे ही जीतन राम मांझी और जेडीएस के कुमार स्वामी को भी मंत्रीमंडल में एक एक सीट चाहते हैं. सूत्रों के मुताबिक जेडीएस कुमारस्वामी के लिए कृषि मंत्रालय पर नजर गड़ाए हुए है, क्योंकि जेडीएस की विचारधारा किसानों से जुड़ी है. जेडीएस का कहना है कि चूंकि अभी तक कैबिनेट पद की मांग नहीं की है, इसलिए फैसला प्रधानमंत्री मोदी पर छोड़ दिया गया है. अगर दिया जाता है तो हमें कृषि मंत्रालय मिल सकता है.
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