उज्जैन: मध्य प्रदेश में ऐसा पहली बार हो रहा है जब सिंहस्थ 2028 (simhastha 2028) की तैयारियां पहली बार साढ़े चार साल पहले से हो रही है. खास बात यह है कि खुद सीएम मोहन यादव (CM Mohan Yadav) खुद तैयारियों में जुटे हैं. सीएम जल्द ही एक बड़ी बैठक करने वाले हैं, बताया जा रहा है कि इस बैठक में सभी तैयारियों पर चर्चा होगी, क्योंकि उज्जैन में सिंहस्थ का आयोजन इस बार सबसे ज्यादा विशाल और भव्य करवाने की तैयारियां हो रही हैं.
मुख्यमंत्री मोहन यादव 14 जनवरी को एक बड़ी बैठक करने वाले हैं, जिसमें उज्जैन और इंदौर के कमिश्नर और कलेक्टर के साथ पुलिस प्रशासन भी जुड़ेगा. इसके अलावा आगर-मालवा, रतलाम, देवास, खरगोन, खंडवा और शाजापुर के कलेक्टर भी जुड़ेंगे, जिसमें सभी को निर्देश दिए जाएंगे कि उज्जैन में तैयारियां दुरुस्त होनी चाहिए, क्योंकि यह सभी जिलें उज्जैन से जुड़े हैं, इसके अलावा यह जिले उज्जैन संभाग के तहत ही आते हैं.
मध्य प्रदेश में 2016 में सिंहस्थ का आयोजन हुआ था, जिसमें 3500 करोड़ रुपए खर्च हुए थे, जबकि अब 2028 में आयोजन होगा, जिसका अनुमानित खर्च 7000 करोड़ से ऊपर जाने की उम्मीद हैं. ऐसे में सिंहस्थ में होने वाले कामों के लिए अभी से सभी विभागों को निर्देश दे दिए जाएंगे. जबकि वित्त विभाग को भी जानकारी भेज दी जाएगी. इसके अलावा अगली बैठक तक डीपीआर बनाने के निर्देश भी दिए जा सकते हैं. 2016 में सिंहस्थ का मेला भी 22 अप्रैल से 21 मई तक चला था, जबकि इस बार मेला भी लंबा चलने की उम्मीद हैं, ऐसे में इस बार सिंहस्थ में दोगुनी राशी खर्च करने की तैयारी की जा रही है.
बताया जा रहा है कि 14 जनवरी को होने वाली बैठक में निर्माण से लेकर अन्य कार्यों के प्रस्ताव पर चर्चा कर उज्जैन के संभागायुक्त को भेजना होगा, जिसका प्रस्तुतीकरण बैठक में होगा. इसके बाद प्रारंभिक कार्य योजना तैयार की जाएगी. अपर मुख्य सचिव गृह और उज्जैन संभाग के प्रभारी डा. राजेश राजोरा ने सिंहस्थ 2028 की तैयारियों को लेकर पहली बैठक बुलाई है, जिसमें सीएम मोहन यादव ऑनलाइन जुड़कर तैयारियों की समीक्षा करेंगे. इसके अलावा कानून एवं व्यवस्था के लिए पुलिस संबंधी अधोसंरचना का विकास, फायर स्टेशन सहित आपदा से निपटने की तैयारी, दूरसंचार अवसंरचना उन्नयन, अखाड़ा परिसर के विकास के लिए सहायता सहित अन्य कार्यों को लेकर प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे.
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