भोपाल। प्रदेश में नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की घोषणा राज्य निर्वाचन आयोग अगले माह के पहले हफ्ते में करने की तैयारी पूरी कर चुका है। चुनाव की घोषणा के लिए 3 मार्च को मतदाता सूची फाइनल होने का इंतजार किया जा रहा है। दरअसल सूत्रों की माने तो आयोग स्कूल परीक्षाओं से पहले नगरीय निकाय चुनाव करा लेना चाहता है, जबकि पंचायत चुनाव परीक्षाओं के बाद कराने की योजना है। यही वजह है कि आयोग चाहता है कि हर हाल में नगरीय निकाय चुनाव 15 अप्रैल तक करा लिए जाएं। इसके बाद से वार्षिक परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी। परीक्षाएं मई के अंत तक समाप्त होंगी लिहाजा इसके बाद ही पंचायत चुनाव कराए जा सकेंगे। इसकी वजह से अभी सिर्फ निकाय चुनावों की ही घोषणा की जाएगी। आयोग द्वारा नगरीय निकाय चुनाव दो चरणों में कराने की तैयारी की जा रही है। इसमें पहले चरण की वोटिंग और चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद दूसरे चरण का मतदान कराया जाएगा। निकाय चुनाव में मतदान के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का उपयोग किया जाएगा। उधर पंचायत चुनाव के लिए परीक्षाओं के चलते न तो मतदान केन्द्रों के लिए स्कूल मिलेंगे और न ही चुनाव ड्यूटी के लिए शिक्षक। यही वजह है कि इन परीक्षाओं के की वजह से चुनाव आयोग पंचायत चुनाव की तरीखों को लेकर पसोपेश के दौर से गुजर रहा है। हालांकि माना जा रहा है कि पंचयात चुनाव में सर्वाधिक शिक्षकों की ड्यूटी लगती है, इसलिए आयोग बोर्ड परीक्षाएं समाप्त होने के बाद ही इन चुनावों को कराने पर गंभीरता से विचार कर रहा है। इस वजह से यह चुनाव जून और जुलाई में कराए जाने के आसार हैं। इसी तरह आयोग द्वारा पंचायत चुनाव तीन चरणों में कराने की तैयारी कर ली गई है। इन चुनावों में सरपंच और पंच के चुनाव बैलेट पेपर से और जिला और जनपद सदस्यों के लिए मतदान ईवीएम से कराए जाएंगे। दरअसल मतदान केंद्रों के हिसाब से ईवीएम की संख्या कम होने की वजह से यह कदम उठाया जा रहा है। पंचायत चुनाव में करीब 76 हजार मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। 25 फरवरी तक मतदाताओं की ताजा स्थिति सामने आते ही मतदान केंद्रों की संख्या का सही तरीके से निर्धारण हो सकेगा। निकाय चुनावों की तरह ही पंचायत चुनाव में एक चरण के मतदान और उसके परिणाम घोषित करने के बाद दूसरे चरण के चुनाव कराए जाएंगे। जिसकी वजह से इन चुनावों की पूरी प्रक्रिया होने में करीब दो माह का समय लगना तय माना जा रहा है।
विस चुनावों से अधिक होंगे मतदान केंद्र
प्रदेश में 16 नगर निगमों, 98 नगर पालिकाओं और 294 नगर परिषदों में मेयर, अध्यक्ष और पार्षदों के लिए चुनाव कराए जाने हैं। इसी तरह से करीब 22,812 ग्राम पंचायतों में सरपंच व पंच के चुनाव और 52 जिला व 313 जनपद पंचायतों में सदस्यों के चुनाव कराए जाएंगे। नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में करीब एक लखा मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। जबकि बीते विधानसभा चुनाव में मतदान केंद्रों की सख्ंया करीब 65 हजार थी। यही वजह है कि निकाय और पंचायत चुनाव के लिए अधिक संख्या में ईवीएम और अमले की जरूरत पड़ेगी।
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