नई दिल्ली। भारत में भले ही अभी तक किसी कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत नहीं मिली हो, लेकिन इसके वितरण की तैयारी अंतिम चरण में पहुंच गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय वैक्सीन वितरण व्यवस्था को परखने के लिए सोमवार और मंगलवार को चार राज्यों में इसका पूर्वाभ्यास कराने जा रहा है। इस दौरान वैक्सीन के कोल्डचेन से लेकर लोगों के लगाने तक की सारी प्रक्रिया की जांच की जाएगी, ताकि असली वैक्सीन के वितरण के दौरान खामियों को दूर किया जा सके।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकार ने कहा कि वितरण व्यवस्था के रिहर्सल के दौरान कोल्डचेन में टीके की आपूर्ति, जांच रसीद, वैक्सीन के उत्पादन से लिए लगाने तक पूरी प्रक्रिया की ऑनलाइन निगरानी के तैयार ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को-विन में आवश्यक डाटा भरने की जांच की जाएगी। इसके साथ ही वैक्सीन लगाने वाले दल के सदस्यों की तैनाती, उनकी रिपोर्टिंग और बाद में शाम को होने वाली समीक्षा बैठकें भी देखी जाएंगी। साथ ही टीकाकरण केंद्र पर भीड़ प्रबंधन और कोरोना संबंधी दिशानिर्देशों का अनुपालना सुनिश्चित कराने की प्रक्रिया को भी परखा जाएगा।
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस अभियान के दौरान पंजाब, असम, आंध्र प्रदेश और गुजरात के दो-दो जिलों में पांच अलग-अलग केंद्रों में पूर्वाभ्यास किया जाएगा। इन केंद्रों में जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, शहरी केंद्र, निजी अस्पताल, ग्रामीण इलाके के केंद्र हो सकते हैं।
जिला स्तर पर प्रशिक्षण का काम पूरा
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार वैक्सीन लगाने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों के प्रशिक्षण का काम तेजी से चल रहा है और अभी तक जिला स्तर पर सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में प्रशिक्षण का काम पूरा किया जा चुका है।
प्राथमिकता समूहों की पहचान हुई
सरकार ने वैक्सीन लगाने के लिए प्राथमिकता समूहों की पहचान कर ली है। पहले चरण में 30 करोड़ लोगों को टीका लगाया जाएगा। इनमें तीन करोड़ स्वास्थ्यकमियों, सुरक्षाकमियों और सफाईकर्मियों के साथ ही साथ 50 साल से अधिक आयु के लगभग 27 करोड़ लोग शामिल हैं।
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