देहरादून । कोरोना वायरस (Corona’s transition) के कारण गंभीर बने हुए हालातों के बावजूद उत्तराखंड ( Uttarakhand) के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि कुंभ मेला (Kumbh Mela) अपने “दिव्य रूप” में 2021 में हरिद्वार में आयोजित किया जाएगा। 14 जनवरी से शुरू होने वाले 2021 कुंभ मेले की तैयारियों को लेकर सीएम रावत अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (ABAP) के पदाधिकारियों के साथ बैठक में शामिल हुए।
रावत ने कहा “कुंभ मेले की सीमा उस समय की COVID-19 की स्थिति पर निर्भर करेगी। ABAP और धार्मिक बिरादरी के सुझावों को भी निर्णयों में लिया जाएगा, जो मौजूदा स्थिति के अनुसार लिया जाएगा। राज्य सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होगा कि श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े”। कुंभ मेला के कार्यों की समय-समय पर समीक्षा की जा रही है। विभागीय सचिवों को लगातार प्रगति के तहत कामों की निगरानी करने के लिए निर्देशित किया गया है। मुख्य सचिव को 15 दिनों में स्थिति की समीक्षा करने का भी निर्देश दिया गया है।
वहीं, इस बारे में कुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत ने कहा कि अधिकांश कार्यों को 15 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। ”कुंभ मेले के लिए बनाए जा रहे नौ नए घाटों (नदी के किनारे), आठ पुलों और सड़कों पर काम पूरा होने वाला है। पेयजल सुविधा, पार्किंग सुविधा और अतिक्रमण हटाने पर भी लगातार काम किया जा रहा है।
उतमुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक का कहना है कि कुंभ मेले के दौरान श्रद्धालुओं को कोई समस्या न हो इसके लिए सुनियोजित व्यवस्था की जाएगी। ABAP प्रमुख महंत नरेंद्र गिरि ने सरकार को आश्वासन दिया कि कुंभ मेले के सफल आयोजन के लिए निकाय राज्य सरकार के साथ पूरा सहयोग करेंगे। कौशिक ने कहा कि कुंभ मेला 2021 के दौरान गंगा में प्रतिदिन 35 से 50 लाख लोगों के पवित्र स्नान करने की उम्मीद है।
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