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    डिफाल्टर किसानों का ब्याज माफ करने की तैयारी

  • April 10, 2023

    भोपाल। प्रदेश सरकार चुनाव से पहले किसानों का ब्याज माफ करने की तैयारी में है। इसके लिए बजट में प्रावधान भी किया जा चुका है। इसमें प्रदेश के 11 लाख किसानों को दो हजार 415 करोड़ रुपये की ब्याज माफी दी जाएगी। ये वे किसान हैं, जिन्होंने समय पर ऋण नहीं चुकाया और अपात्र हो गए। इनके ऊपर ब्याज सहित 6000 करोड़ रुपये बकाया है। जिसमें ब्याज की धनराशि दो हजार 415 करोड़ रुपये है। सहकारिता विभाग ने ब्याज माफी योजना का प्रारूप तैयार कर लिया है। प्रदेश में प्रतिवर्ष चार हजार 536 सहकारी समितियों से किसान खरीफ और रबी फसलों के लिए अल्पावधि ऋण लेते हैं। यह ऋण सरकार बिना ब्याज के उपलब्ध कराती है। खरीफ फसल के लिए लिया गया ऋण 28 मार्च और रबी फसल के ऋण को 15 जून तक चुकाना होता है। यह अवधि बीतने पर 13 प्रतिशत की दर से ब्याज वसूलने का प्रविधान है। इसकी गणना ऋण लेने के दिनांक से की जाती है। इस योजना में वे किसान पात्र होंगे, जिन्होंने दो लाख रुपये तक प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों से ऋण लिया था। योजना को कैबिनेट से अनुमति मिलने के बाद लागू किया जाएगा। वर्ष 2019 में कांग्रेस सरकार ने दो लाख रुपये तक किसानों की कर्जमाफी योजना लागू की थी। इसके कारण किसानों ने ऋण अदायगी बंद कर दी। एक लाख रुपये तक ऋण माफी के दूसरे चरण के आरंभ में ही मार्च 2020 में सरकार अल्पमत में आ गई और कमल नाथ को मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र देना पड़ा। इसके बाद कर्ज माफी योजना ठंडे बस्ते में चली गई। जिन किसानों ने कर्ज माफी की आस में ऋण नहीं चुकाया, वे अपात्र हो गए और उन्हें समितियों से बिना ब्याज का ऋण मिलना बंद हो गया। खाद-बीज भी निजी विक्रेताओं से लेना पड़ रहा है, जो महंगा पड़ता है।


    सीएम ने की थी घोषणा
    मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ब्याज माफी देने की घोषणा की थी। वर्ष 2023-24 के बजट में इसके लिए 350 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। यद्यपि, सहकारिता विभाग ने जो योजना तैयार की है, उसके अनुसार ब्याज माफी में दो हजार 415 करोड़ रुपये लगेंगे। ब्याज माफी योजना का लाभ 31 मार्च 2023 तक जिन्होंने ऋण नहीं चुकाया है, उन्हें मिलेगा। इसके लिए राज्य और जिला स्तर पर समिति बनेगी। किसानों की सूची समिति स्तर पर जारी होगी। दावे-आपत्ति लिए जांएगे और कलेक्टर की अध्यक्षता वाली समिति से अनुमोदन के बाद सूची अपेक्स बैंक को भेजी जाएगी। यहां परीक्षण करने के बाद आयुक्त सह पंजीयक सहकारी संस्थाएं के माध्यम से प्रस्ताव शासन भेजा जाएगा। ब्याज की राशि मिलने के बाद सहकारी समितियां ब्याज माफी के प्रमाणपत्र जारी करेंगी।

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