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चाइना पर शिकंजा कसने की तैयारी, जानिए ट्रेडर्स बॉडी की योजना

December 18, 2022

नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के तवांग में चीनी सैनिकों की घुसपैठ (Intrusion of Chinese troops in Tawang) की कोशिश के बाद भारत और चीन (China) के बीच सीमा विवाद का मुद्दा अब धीरे धीरे जोर पकड़ता जा रहा है सीमा पर दोनों देशों के बीच बढ़ी गर्मी का असर अब भारत और चीन के बीच के संबंधों पर पड़ने लगा है, यहां तक कि दोनों देशों के बीच व्‍यापार भी असर देखने को मिल रहा है।
बता दें कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर पर भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प के बाद एक बार फिर देश में चीनी सामानों के बहिष्कार की मांग बढ़ गई है।



चीनी ऐप्स के जरिए लगातार हो रही धोखाधड़ी के मामलों पर सरकार ने सख्त कदम उठाने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। इसकी जानकारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Nirmala Sitharaman) ने संसद में दी। राज्यसभा में पूछे गए प्रश्न के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ( Reserve Bank of India) दोनों इस तरह के चीनी ऐप्स पर नजरें बनाए हुए हैं और उनके खिलाफ सख्ती से कदम उठाए जाएंगे।

तो दूसरी ओर दिल्ली के कनॉट प्लेस में व्यापारियों ने चीनी उत्पादों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उधर, चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर माल और ई-कॉमर्स नीति के आयात में बदलाव करने की मांग की है। साथ ही विदेशों से आने वाली प्रत्येक वस्तु पर मूल देश का नाम लिखना अनिवार्य करने का आग्रह किया है ताकि उपभोक्ताओं को पता लग सके कि यह सामान अगर चीन से आया है तो उसका बहिष्कार किया जा सके। इस काम से चीन को होश में लाया जा सकता है।

इस संबंध में सीटीआई के अध्यक्ष बृजेश गोयल का कहना है कि उपभोक्ताओं को यह पता नहीं चल पाता है कि वे जो सामान खरीदते हैं, वह कहां निर्मित होता है। उन्होंने कहा कि जब लोग चीनी उत्पादों को खरीदना नहीं चाहते हैं तब भी वे उन्हें खरीद लेते हैं क्योंकि उत्पाद पर मूल देश का उल्लेख नहीं किया जाता है। यदि उत्पाद पर ‘मूल देश’ लिखा है, तो भारतीय चीनी सामान का बहिष्कार कर सकते हैं। केंद्र सरकार को ऐसी नीति पर काम करना चाहिए, साथ ही ई-कॉमर्स और आयात नीति में भी बदलाव करना चाहिए।

गोयल ने आगे कहा कि हमें चीन की आर्थिक कमर तोड़नी है। इस साल के पहले 9 महीनों में भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार 103.63 अरब डॉलर को पार कर गया है। वहीं, घरेलू व्यापार घाटा बढ़कर 75.69 अरब डॉलर से अधिक हो गया है।” इस अवधि के दौरान, चीन से भारत को निर्यात 89.66 बिलियन डॉलर रहा।

उन्होंने कहा कि अगर भारतीय कारोबारी और उपभोक्ता चीनी सामान का बहिष्कार करते हैं तो चीन को होश आ जाएगा। उन्होंने कहा, ”जबकि भारत से चीन को निर्यात केवल 13.97 अरब डॉलर का था, जिसमें 36.4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। अगर भारतीय कारोबारी और उपभोक्ता चीनी सामान का बहिष्कार करते हैं तो चीन को होश आ जाएगा।

 

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