इंदौर। शहर के चारों तरफ नई रिंग रोड (new ring road) बनाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार (Central government) के सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (ministry of road transport and highways) को भेजने की तैयारी शुरू हो गई है। भोपाल (Bhopal) स्तर पर इसके लिए कवायद हो रही है। मध्यप्रदेश सरकार ने 139 किलोमीटर लंबी नई रिंग रोड के लिए 25 प्रतिशत जमीन मुफ्त देने पर सहमति जता दी है। अब राज्य सरकार से रिंग रोड के नए अलाइनमेंट की मंजूरी लेते हुए प्रस्ताव राजमार्ग मंत्रालय को भेजा जाएगा।
नेशनल हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) के अफसरों के अनुसार विभाग के प्रदेश मुख्यालय द्वारा मंत्रालय को प्राथमिक प्रस्ताव सैद्धांतिक मंजूरी के लिए भेजना पड़ेगा, ताकि नई रिंग रोड बनाने के लिए आगे की प्रक्रिया शुरू की जा सके। इससे पहले राज्य सरकार से रिंग रोड के अलाइनमेंट को लेकर सहमति लेना जरूरी है, जिसके लिए एनएचएआई अफसर जल्द ही प्रदेश सरकार के अधिकारियों से संपर्क साधने वाले हैं। सडक़ के लिए 25 प्रतिशत जमीन मुफ्त देने और प्रस्तावित अलाइनमेंट के साथ प्राथमिक प्रस्ताव मंत्रालय को भेजा जाएगा। कोशिश की जा रही है कि मई में यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाए।
यदि किसी कारणवश मई में प्रस्ताव नई दिल्ली नहीं भेजा जा सका तो जून के पहले पखवाड़े में प्रस्ताव हर हाल में भेज दिया जाएगा। एनएचएआई से सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद ही रिंग रोड निर्माण का रास्ता प्रशस्त होगा और डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार होगी। इसी से प्रोजेक्ट की लागत, जरूरी जमीनों की जानकारी, फ्लायओवर, व्हीकुलर अंडरपास, पैडस्ट्रियन अंडरपास और इंटरचेंज आदि बनाने संबंधी बातें तय हो सकेंगी। नई रिंग रोड बनाने का प्रस्ताव इसलिए तैयार किया जा रहा है, क्योंकि शहर के पूर्वी बायपास का ज्यादातर हिस्सा अब शहर सीमा में आ गया और भविष्य को देखते हुए वहां नए बायपास की जरूरत महसूस की जाने लगी है। इसके अलावा पश्चिमी क्षेत्र में तो रिंग रोड पूरी लंबाई में नहीं है। एनएचएआई चाहता है कि इंदौर के चारों तरफ बने नेशनल हाईवे भी रिंग रोड के जरिए बाहर ही बाहर आपस में जुड़ सकें। इससे वाहनों को शहरी सीमा में नहीं आना होगा, जिससे शहर को बड़ी राहत मिलेगी।
चुनावी साल होने का फायदा मिल सकता है इंदौर को
इंदौर में नई रिंग रोड बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की उम्मीद इसलिए भी ज्यादा है, क्योंकि यहीं के लिए राज्य सरकार ने 25 प्रतिशत जमीन मुफ्त देने की सहमति दी है। इंदौर में पूर्ण रूप से रिंग रोड है भी नहीं। इसके अलावा मध्यप्रदेश में 2023 में विधानसभा और देश में 2024 में लोकसभा चुनाव होना हैं। स्वाभाविक रूप से केंद्र और राज्य सरकार नई रिंग रोड की सौगात देकर इसे चुनावी वर्षों में भुनाना चाहेगी। मंजूरी मिलने के बाद भी रिंग रोड बनने में कम से कम तीन-चार साल लगने का अनुमान है।
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