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EPFO में रजिस्ट्रेशन पूरा नहीं कर पाने वाली कंपनियों के लिए माफी योजना लाने की तैयारी

November 27, 2024

नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organization- EPFO) माफी योजना (Amnesty plan) लाने की तैयारी में है। इससे उन कंपनियों एवं फर्मों को फायदा होगा, जो वित्तीय भार तथा अन्य किसी कारण से अपना ईपीएफओ में रजिस्ट्रेशन (Registration in EPFO) पूरा नहीं कराई पाई हैं या फिर ईपीएफओ खातों (EPFO accounts) को एक्टिव नहीं रख पाई है। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के निर्देश पर योजना का खाका तैयार किया जा रहा है। संभावना जताई जा रही है कि दिसंबर के अंत तक योजना की घोषणा हो सकती है।


क्या है माफी योजना
सूत्रों का कहना है कि माफी योजना रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (ELI) का ही हिस्सा होगी। ध्यान रहे कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के आम बजट में केंद्र सरकार ने रोजगार को प्रोत्साहन देने और श्रमिकों को संगठित क्षेत्र से जोड़ने के लिए ईएलआई योजना की घोषणा की थी। इसमें जहां ईपीएफओ में रजिस्टर होने वाले कर्मचारियों को तीन किस्तों में 15 हजार रुपये यानी एक महीने का वेतन दिया जाएगा।

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए ईपीएफओ अंशदान से संबंधित वित्तीय सहयोग दिया जाएगा। इसके साथ ही, एक लाख रुपये से कम का वेतन पाने वाले कर्मचारियों के लिए नियोक्ताओं को हर महीने तीन हजार रुपये की प्रतिपूर्ति करेगी, जो दो वर्षों तक की जाएगी।

सरकार को उम्मीद है कि ईएलआई से जुड़े प्रोत्साहन के जरिए ईपीएफओ में पंजीकृत होने वाले कर्मचारियों की संख्या बढ़ेगी। इसलिए कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने के लिए ही माफी योजना लाई जा रही है, जो एक तरह से प्रोत्साहन का ही काम करेगी।

2024 तक मिलेगी छूट
योजना के तहत वर्ष 2017 से 2024 के बीच उन सभी नियोक्ताओं (कंपनियों एवं फर्मों) को राहत दी जाएगी जो अपना ईपीएफओ में पंजीकरण पूरा नहीं करा पाई हैं या फिर पंजीकरण कराने के बाद सही समय पर अंशदान जमा नहीं करा पाए हैं, जिससे कंपनी से जुड़े कर्मचारियों का ईपीएफओ का अकाउंट एक्टिव नहीं रह पाया है। अब ऐसी सभी कंपनियों को योजना के तहत राहत देकर दोबारा से ईपीएफओ से जुड़ने का अवसर दिया जाएगा।

इन्हें ईपीएफओ में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य
ध्यान रहे कि नियमों के तहत अगर किसी कंपनी या फर्म के पास कर्मचारियों की संख्या 20 या उससे ज्यादा है तो उसके लिए ईपीएफओ में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है, लेकिन बड़ी संख्या में ऐसी छोटी कंपनियां हैं, जिनके पास कर्मचारियों की संख्या मानकों के अनुरूप है लेकिन फिर भी ईपीएफओ में रजिस्टर्ड नहीं हैं या फिर समय पर अंशदान जमा नहीं कर पाने के कारण खाता निष्क्रिय हो गया है।

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