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    विजयवर्गीय को बड़ा विभाग देने की तैयारी

  • December 26, 2023

    आज मंत्रियों के साथ पहली कैबिनेट बैठक में होंगे विभाग तय, सिलावट का विभाग भी बदलने के आसार

    इंदौर। मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब किस नेता को कौन सा विभाग मिलेगा, इसको लेकर कवायदें शुरू हो गई हैं। कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) जैसे कद्दावर नेता को भारी-भरकम विभाग देने की संभावना है। संभवत: आज होने वाली बैठक में इस पर निर्णय लिया जा सकता है।


    विजयवर्गीय मंत्री बनने के साथ ही राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा देंगे या नहीं, इसको लेकर भी चर्चा चल पड़ी है। हालांकि पार्टी का पद लाभ का नहीं है और वे इस पर बने भी रह सकते हैं। विजयवर्गीय के पास पहले नगरीय प्रशासन और लोक निर्माण जैसे विभाग भी रहे हैं। इससे एक कदम आगे बढ़कर विजयवर्गीय को गृह विभाग (Home Department) दिया जा सकता है। विजयवर्गीय प्रशासनिक सख्ती के लिए जाने जाते हैं, इसलिए भी प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर उनका उपयोग किया जा सकता है। एक से Óयादा विभाग भी उन्हें दिए जा सकते हैं। दूसरी ओर इंदौर के कोटे से ही तुलसी सिलावट मंत्री बने हैं। उनके पास जल संसाधन जैसा विभाग था, लेकिन शुरुआत में सिलावट इससे संतुष्ट नहीं थे। बताया जा रहा है कि उनका विभाग बदला जा सकता है। आज भोपाल में मोहन कैबिनेट की मंत्रियों के साथ बैठक होने जा रही है, जिसमें विभागों का बंटवारा किया जा सकता है। वहीं संभाग से निर्मला भूरिया और अर्चना चिटनीस में से किसी एक को महिला एवं बाल विकास विभाग दिया जा सकता है।

    गौर ससुराल से मंत्री बनीं… इंदौर के मायके में जश्न
    आखिरकार मोहन मंत्रिमंडल में कृष्णा गौर को भी शामिल कर लिया गया। वे अपनी ससुराल यानी भोपाल से विधायक हैं और उनका मायका इंदौर के काछी मोहल्ला में है। उनके ससुर बाबूलाल गौर मुख्यमंत्री रह चुके हैं। कल मंत्री बनने के बाद ससुराल के साथ मायके में भी जश्न मना और मोहल्ले वालों ने उनके मंत्री बनने पर खुशियां मनाईं। गौर यहां के यादव परिवार की बेटी हैं। उनके भाई स्व. मदनसिंह यादव भी भाजपा नेता थे। गौर दूसरी बार की विधायक चुनी गई हैं।

    शिवराज समर्थक इंदौरी विधायक पहली ही बार में बाहर उषा ठाकुर को झटका
    यह कयास तो पहले से ही लगाए जा रहे थे कि मोहन मंत्रिमंडल में शिवराज मंत्रिमंडल के कई चेहरों को गायब कर दिया जाएगा। चूंकि जिस तरह से मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया गया है, उसको लेकर भी उनके मंत्रिमंडल के गठन की कवायदें चल रही थीं, वहीं बड़े दिग्गज नेताओं को तो शामिल किया जाना था। हुआ भी ऐसा ही। इंदौर में कैलाश विजयवर्गीय, रमेश मेंदोला और तुलसी सिलावट को छोड़ दिया जाए तो शेष विधायकों में गोलू शुक्ला, मालिनी गौड़, महेंद्र हार्डिया, मधु वर्मा, उषा ठाकुर, मनोज पटेल शिवराज खेमे से आते हैं। हालांकि शिवराज के हटने के बाद वे उनका नाम नहीं ले रहे हैं। मंत्रिमंडल के लिए मालिनी गौड़, उषा ठाकुर का नाम महिला कोटे से चल रहा था। हालांकि ठाकुर पहले से ही मंत्री थीं, लेकिन उन्हें यादव ने झटका दे दिया और मंत्रिमंडल में नहीं लिया गया। वहीं मालिनी गौड़ को मंत्री बनाए जाने की खबरें भी कोरी अफवाह ही साबित हुईं। एक नाम गोलू शुक्ला का भी चला, लेकिन पहली बार के विधायक होने के कारण उन्हें नहीं लिया गया। वैसे मुख्यमंत्री ने इंदौर से केवल कद्दावर नेता के रूप में एकमात्र मंत्री देकर विजयवर्गीय को तव”ाो दी है। वहीं ग्रामीण क्षेत्र से तुलसी सिलावट को सिंधिया कोटे से मंत्री बनाया जाना तय था।

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