नई दिल्ली (New Delhi)। चीन के साथ चल रहे गतिरोध के बीच अमेरिका और भारत (America and India) के विशेष सैन्य बल अग्रिम क्षेत्रों में लड़ाकू विमानों के संचालन को लेकर प्रशिक्षण केंद्रों में सोमवार से युद्धाभ्यास शुरू करेंगे। हालांकि, शेड्यूल में कुछ बदलाव होने की भी संभावना है।
रक्षा सूत्रों के अनुसार, युद्धाभ्यास (maneuvers) के तहत अग्रिम पंक्ति के क्षेत्रों में बमों को निर्धारित लक्ष्य पर सटीकता से पहुंचाने के लिए लेजर की मदद से लक्ष्य निर्धारित करने पर ध्यान दिया जाएगा। इसके तहत दोनों देशों की लड़ाकू और परिवहन विमानों सहित अन्य सैन्य टुकड़ियों और उपकरणों के प. बंगाल के कलईकुंडा में पहुंचने की संभावना है।
इसमें अमेरिकी वायु सेना (us Air Force) के एफ-15 लड़ाकू विमान भाग लेंगे। यह युद्धाभ्यास ऐसे समय शुरू हो रहा है जब भारतीय सेना (Indian Army) चीन के साथ पिछले तीन वर्षों से सैन्य गतिरोध में फंसी हुई है। इसको लेकर भारतीय वायु सेना ने हाल ही में यूके और यूएई में भी अभ्यास किए थे।
चीन की चुनौती से निपटने की तैयारी
बता दें कि भारत और चीन के बीच बीते तीन सालों से पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनाव बना हुआ है। ऐसे में भारतीय वायुसेना के इन युद्धाभ्यासों को चीन के खतरे से निपटने के तौर पर देखा जा रहा है। वहीं रूस और चीन के बीच बढ़ते सहयोग को देखते हुए भी भारत अमेरिका के करीब जा रहा है।
लगातार युद्धाभ्यास कर रही भारतीय वायुसेना
गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना लगातार युद्धाभ्यास कर अपनी क्षमताओं में इजाफा करने की कोशिश कर रही है। इस साल ही अब तक भारतीय वायुसेना चार युद्धाभ्यासों में शामिल हो चुकी है। पहले जनवरी में भारतीय वायुसेना ने जापान की वायुसेना के साथ युद्धाभ्यास किया, जिसे ‘वीर गार्जियन’ नाम दिया गया था। यह युद्धाभ्यास जापान के हयाकुरी एयर बेस पर आयोजित हुआ था।
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