वाशिंगटन । America बाइडन प्रशासन ने इंटरनेट मीडिया कंपनियों (Internet media companies) को जवाबदेह बनाने और बड़ी तकनीकी कंपनियों पर नकेल कसने की तैयार शुरू कर दी है। इसको अमलीजामा पहनाने के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी (Democratic Party) से जुड़े सांसदों ने व्हाइट हाउस (White House) से जुड़े अधिकारियों के साथ चर्चा शुरू कर दी है। इसका उद्देश्य ना केवल अमेरिकी संसद पर हुए हमले जैसी घटनाओं से जुड़ी फर्जी सूचनाओं पर रोक लगाना है बल्कि कॉरपोरेट प्रतिद्वंद्वियों को नुकसान पहुंचाने के लिए बाजार का दुरुपयोग करने से रोकना भी है।
सांसदों की व्हाइट हाउस अधिकारियों के साथ धारा-230 पर भी बात हुई है। कम्युनिकेशन डिसेंसी एक्ट (Communication disability act) की धारा-230 को पहली बार वर्ष 1996 में पारित किया गया था। इसके तहत इंटरनेट कंपनियों को अपनी वेबसाइट पर शेयर किए गए डाटा से कानूनी सुरक्षा मिलती है। धारा-230 उस कानून का संशोधन, जो यूजर्स को उनके ऑनलाइन कमेंट और पोस्ट के लिए जिम्मेदार बनाता है। पिछले वर्ष राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार के दौरान राष्ट्रपति बाइडन ने धारा-230 को खत्म करने की बात कही थी।
पूर्ववर्ती राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी इस धारा को खत्म करना चाहते थे, लेकिन वह असफल रहे। हाल के वर्षों में कई सांसद भी फेसबुक, ट्विटर, अल्फाबेट, अमेजन और एपल (Facebook, Twitter, Alphabet, Amazon and Apple) पर लगाम लगाने के लिए कानून लाए जाने की वकालत कर चुके हैं। सांसदों और बाइडन सहयोगियों के बीच बातचीत से इस बात का संकेत मिलता है कि व्हाइट हाउस ने बड़ी तकनीकी कंपनियों पर लगाम लगाने के लिए विचार-विमर्श शुरू कर दिया है।
बतादें कि प्रतिनिधि सभा की होमलैंड सिक्योरिटी कमिटी के सदस्य टॉम मलिनोव्स्की ने कहा कि उन्होंने इंटरनेट मीडिया कंपनियों को जवाबदेह बनाने के लिए व्हाइट हाउस के अधिकारियों के साथ चर्चा शुरू कर दी है। यह मेरे लिए प्राथमिकता है।
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