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    इंदौर के मास्टर प्लान की तैयारी फिर तेज- बेस मैप के लिए आएगी विशेषज्ञों की टीम

  • July 21, 2022

    8 लाख से अधिक सम्पत्तियों की प्राप्त सैटेलाइट ईमेज का चल रहा है मैदानी सर्वे भी, 79 शामिल गांवों के लिए धारा 16 के प्रावधान भी कर दिए लागू

    इंदौर। मास्टर प्लान (master plan) के काम में अब तेजी आएगी। दरअसल पंचायत से लेकर निगम चुनाव में ही पूरी सरकारी मशीनरी व्यस्त रही, जिसके चलते सभी विभागों के रोजमर्रा सहित अन्य कामकाज लगभग ठप ही रहे। अब आचार संहिता की समाप्ति के साथ विभागीय गतिविधियां बढ़ेगी। साथ ही इंदौर के मास्टर प्लान-2035 को तैयार करने के काम में भी तेजी आएगी। हालांकि इस साल के अंत तक मास्टर प्लान आना मुश्किल लग रहा है और अगले साल तक ही अंतिम रूप से प्लान घोषित हो सकता है। पिछले दिनों नगर तथा ग्राम निवेश के स्थानीय कार्यालय ने सैटेलाइट ईमेज के जरिए जो 8 लाख से अधिक सम्पत्तियों की जानकारी हासिल की थी, उसका मैदानी सर्वे भी करवाया। साथ ही अब एक बार फिर बेस मैप तैयार करने के लिए विशेषज्ञों की टीम माह के अंत में इंदौर आएगी।


    इंदौर का मास्टर प्लान (master plan of indore) बनाना वैसे भी आसान नहीं रहा है, क्योंकि जमीनी जादूगरों की तिकड़मों के चलते इंदौर से लेकर भोपाल तक मास्टर प्लान में होने वाले बदलावों को लेकर सरगर्मी रहती है। 2021 तक का जो मास्टर प्लान लाया गया था वह गत वर्ष ही वैसे तो समाप्त हो गया, मगर चूंकि आगामी मास्टर प्लान अमल में नहीं लाया जा सका, लिहाजा अभी पुराना मास्टर प्लान ही लागू रहेगा। 2022 साल के भी लगभग 7 माह बीत चुके हैं और जमीन मालिकों से लेकर सभी को उम्मीद थी कि इस साल 2035 का मास्टर प्लान आ जाएगा, लेकिन कोरोना और उसके बाद पंचायत-निगम चुनाव अचानक आ जाने के चलते इस काम में और विलंब हो गया। चूंकि मास्टर प्लान को तैयार करने से लेकर लागू करने की प्रक्रिया जटील और कानूनी है, लिहाजा उसमें पर्याप्त समय लगता है। नए निवेश क्षेत्र में जो 79 गांव जोड़े गए हैं उनमें अभिन्यास मंजूरी के लिए भी पिछले दिनों नगरीय विकास एवं आवास मंत्रालय ने अधिनियम की धारा 16 के तहत महत्वपूर्ण आदेश जारी किए हैं, जिसमें न्यूनतम 10 एकड़ पर ही विकास अनुमति देने का प्रावधान किया गया है। यानी इससे कम जमीन पर कॉलोनी विकास की अनुमति नहीं मिलेगी। 10 एकड़ या उससे अधिक जमीन ही होना चाहिए। 2035 की आबादी के मान से इन 79 गांवों की 78105 एकड़ जमीन निवेश क्षेत्र में शामिल की गई है। हालांकि इसमें से 30 हजार एकड़ जमीन पर पूर्व से ही अभिन्यास मंजूर हो गए थे। नगर तथा ग्राम निवेश के संयुक्त संचालक एसके मुद्गल के मुताबिक बेस मैप तैयार करने का काम निरंतर चल रहा है। सैटेलाइट ईमेज के जरिए जो 8 लाख से अधिक सम्पत्तियों की जानकारी हासिल हुई, उसे मौके पर जांच के बाद नक्शों में मार्क किया जा रहा है। वेबकॉस्ट के जरिए ये ईमेज प्राप्त हुई थी। लिहाजा मौके पर उसका भू-उपयोग या वर्तमान उपयोग की जानकारी एकत्रित की जा रही है। वहीं सूत्रों के मुताबिक इस माह के अंत में भोपाल से विशेषज्ञों की टीम पुन: बेस मैप को तैयार करने के लिए आ रही है। अब अगर शासन थोड़ी गंभीरता दिखाएगा तो अगले तीन-चार महीने में मास्टर प्लान के प्रारुप का प्रकाशन किया जा सकता है, ताकि उस पर दावे-आपत्ति और सुनवाई की प्रक्रिया के बाद उसे भोपाल अंतिम सुनवाई और उसके निराकरण के लिए भेजा जा सके, ताकि अगले साल की पहली तिमाही तक नया मास्टर प्लान लागू किया जा सके। अगर विलंब हुआ तो अगले साल विधानसभा चुनाव के चलते फिर मास्टर प्लान के काम में बाधा आएगी। लिहाजा अभी के 6-8 महीने के भीतर प्लान को मंजूर किया जा सकता है।

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