भोपाल।मध्य प्रदेश में 15 महीने सत्ता में रहने के बाद कुर्सी गंवाने वाली कांग्रेस पार्टी अब मिशन 2023 की तैयारी कर रही है। पार्टी अपने सबसे पुराने वोट बैंक आदिवासियों पर फोकस कर रही है। आदिवासियों को साधने के लिए वो आदिवासी डॉक्यूमेंट तैयार करेगी। इस डॉक्यूमेंट में इंदिरा गांधी सरकार से लेकर यूपीए और कमलनाथ सरकार तक के आदिवासी हित में लिए गए फैसलों की जानकारी रहेगी। कांग्रेस पार्टी प्रदेश की 47 आदिवासी बहुल सीटों पर अपने आदिवासी एजेंडे को लेकर पहुंचेगी। आदिवासी इलाकों में अपनी पैठ मजबूत बनाने के लिए कांग्रेस ने लंबा मंथन किया। पीसीसी चीफ कमलनाथ के निवास पर हुई आदिवासी इलाकों के विधायकों नेताओं की बैठक में तय हुआ कि अब पार्टी आदिवासी डॉक्यूमेंट जारी करेगी।
कांग्रेस ने याद किया इतिहास
कांग्रेस विधायक हर्ष विजय गहलोत ने कहा कांग्रेस पार्टी आदिवासी हित में लगातार फैसले लेती रही है। कांग्रेस ने देश की सत्ता में रहते हुए वन अधिकार कानून लागू करने से लेकर कई बड़े फैसले किए हैं। इसकी जानकारी अब डॉक्यूमेंट के जरिए आदिवासियों तक पहुंचाई जाएगी। कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा ने कहा मौजूदा सरकार के आदिवासियों के खिलाफ लिए जा रहे फैसलों की जानकारी भी डॉक्यूमेंट में शामिल होगी। प्रदेश के वन क्षेत्रों को निजी हाथों में सौंपने से लेकर आदिवासी विभाग का नाम बदलने का मुद्दा लेकर अब पार्टी आदिवासियों के बीच पहुंचेगी।
47 में से 32 जीती थीं
2018 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश की 47 आदिवासी बहुल सीटों में से कांग्रेस ने 32 सीटें जीती थीं। यही कारण है कि कांग्रेस को इन आदिवासी सीटों से खासी उम्मीद है। अपनी साख को बरकरार रखने के लिए कांग्रेस पार्टी अभी से आदिवासी इलाकों पर फोकस बढ़ाती हुई नजर आ रही है।
अब कोई फर्क नहीं पड़ेगा
कांग्रेस के आदिवासियों में पैठ बनाने के प्लान पर बीजेपी ने निशाना साधा है। भाजपा महामंत्री भगवानदास सबनानी ने कहा जब नगरीय निकाय चुनाव में छिंदवाड़ा सीट को आदिवासी घोषित किया गया, तब कांग्रेस ने आपत्ति दर्ज कराई थी। ये कांग्रेस की सोच को जाहिर करती है। अब आदिवासी कांग्रेस के जाल में फंसने वाला नहीं है। केंद्र की मोदी से लेकर प्रदेश की शिवराज सरकार आदिवासी हित में लगातार फैसले कर रही है। यही कारण है कि अब आदिवासियों का झुकाव भाजपा की तरफ हो गया है।
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