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    केन-बेतवा लिंक परियोजना का अक्टूबर में शिलान्यास की तैयारी

  • September 04, 2021

    • 19 साल बाद योजना पर शुरु होगा काम, कांक्रीट की नहर से जोड़ी जाएंगी बुंदेलखंड की केन व बेतवा नदियां

    भोपाल। अक्टूबर माह में केन-बेतवा लिंक परियोजना (Ken-Betwa Link Project) के शिलान्यास की तैयारी की जा रही है। यूपी का सिंचाई विभाग जोर-शोर से इसकी तैयारियों में जुटा है। सिंचाई विभाग (Irrigation Department) अक्तूबर माह से इसका निर्माण कार्य आरंभ कराने की तैयारी में है। पिछले दिनों दिल्ली से आई विशेषज्ञ टीम ने स्थानीय अभियंताओं के साथ सर्वे किया। वहीं, दिल्ली की विशेषज्ञ एजेंसी की भी मदद ली जा रही है। यह परियोजना लंबे समय तक राजनीतिक विवादों के चलते अटकी रही। 10 मार्च 2021 को केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सरकार (State Government) के बीच सहमति बन सकी। परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए इन दिनों सर्वे समेत अन्य कार्य कराए जा रहे हैं।


    बुंदेलखंड क्षेत्र की महात्वाकांक्षी केन-बेतवा लिंक परियोजना की मूल विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) में इसे दो चरणों में पूरा किया जाना था। जल संसाधन मंत्रालय ने मूल परियोजना रूपरेखा में परिवर्तन करते हुए अब दोनों चरणों को एक साथ मिला दिया है। जल संसाधन, नदी विकास मंत्रालय द्वारा केन बेतवा लिंक के प्रथम और द्वितीय चरण को मिलाने का फैसला मध्यप्रदेश सरकार के आग्रह पर किया गया है। इसके कारण इस परियोजना के संबंध में कुछ आवश्यक मंजूरी पर मंत्रालय काम कर रहा है। केन बेतवा लिंक परियोजना में चार बांध बनाए जाएंगे। ढोढऩ बंाध के अलावा तीन और बांध भी मध्य प्रदेश के रायसेन और विदिशा में बेतवा नदी पर बनेंगे। केन नदी पर 77 मीटर ऊंचा व 19633 वर्ग किलोमीटर जलग्रहण क्षमता वाले इस ढोढऩ बांध में 2584 एमसीएम पानी भंडारण कि क्षमता होगी। 2613.19 करोड़ कि लागत वाले इस बांध से दो बिजली घर बनेंगे जिससे 36 मेगावॉट बिजली बनेगी। इस बिजली घर पर 341.55 करोड़ की राशि व्यय होगी।

    30 मीटर चौड़ी बनेगी कांक्रीट नहर
    लिंक परियोजना के माध्यम से मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश के पांच जिलों की कुल 63,5661 हेक्टेयर भूमि सिंचित होनी है। परियोजना के मुताबिक उप्र के बांदा व मप्र के छतरपुर जिले की सीमा पर ढोढऩ गांव के निकट गंगोई बांध से केन नदी को तीस मीटर चौड़ी कांक्रीट नहर बनाकर आगे ले जाना है। धसान नदी पर एक टनल (सुरंग) बनाकर आगे बढ़ाया जाएगा। हरपालपुर से होकर यूपी के मऊरानीपुर बार्डर से मध्य प्रदेश के जतारा तहसील के गांवों से होकर इस नहर को बरुआसागर बांध के ऊपर से होते हुए ओरछा के निचले हिस्से में स्थित नोट घाट पुल में मिला दिया जाएगा। नहर का पूरा डूब व प्रभावित क्षेत्र मध्यप्रदेश में है।

    फैक्ट फाइल
    परियोजना की लागत              : 35,111 करोड़ रुपए
    केंद्र सरकार देगी                    : 90 फीसदी राशि
    राज्य सरकारें देंगी                  : 5-5 फीसदी
    केन बेसिन से उप्र में सिंचाई    : 2.27 लाख हेक्टेयर
    केन बेसिन से मप्र में सिंचाई    : 4.47 लाख हेक्टेयर
    बेतवा बेसिन से मप्र में सिंचाई : 2.06 लाख हेक्टेयर

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