भोपाल। मध्यप्रदेश में अमूमन नवंबर का पहला पखवाड़ा बीतने के बाद ही न्यूनतम तापमान में गिरावट होना शुरू होती है। इसके बाद दिसंबर-जनवरी माह में सर्दी चरम पर पहुंचती है, लेकिन इस बार नवंबर की शुरुआत में ही रात का पारा 10 डिग्री से नीचे पहुंच गया है। इसी क्रम में बुधवार को न्यूनतम तापमान 10 डिग्री.रायसेन, दतिया, नौगांव,उमरिया और रीवा में दर्ज किया गया। राजधानी में न्यूनतम तापमान 12.6 डिग्री दर्ज हुआ। जो वर्ष 2012 से अभी तक चार नवंबर का सबसे कम तापमान है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक पिछले दिनों पश्चिमी विक्षोभ के असर से उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश के साथ बर्फबारी भी हुई थी। इससे उत्तर भारत के पहाड़ी इलाके कड़ाके की ठंड की चपेट में आ गए हैं। फिलहाल कोई वेदर सिस्टम सक्रिय नहीं रहने से वातावरण पूरी तरह शुष्क हो गया है। नमी नहीं रहने से आसमान भी साफ है। इससे दिन भर धूप रहने के बाद सूर्य की किरणें धरती से टकराने के बाद परावर्तित होकर चली जाती हैं। इससे शाम ढलते ही ठंड का अहसास बढऩे लगता है। साथ ही इस बार ठंड के मौसम के लिए अनुकूल हवाओं का पैटर्न उत्तरी, उत्तर-पश्चिमी नवंबर की शुरुआत में ही सेट हो गया है। इससे उत्तर भारत की तरफ से आ रही सर्द हवाओं ने समय से पहले मध्यप्रदेश में सिहरन बढ़ा दी है। इससे दिन का अधिकतम तापमान जहां सामान्य होने लगा है,वहीं अधिकांश क्षेत्रों में रात का तापमान सामान्य से नीचे लुढ़कने लगा है। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला बताते हैं कि अभी नौ नवंबर तक मौसम इसी तरह शुष्क बना रहने का अनुमान है। इससे राजधानी सहित प्रदेश के अधिकांश स्थानों में रात के तापमान में रिकार्ड गिरावट होने की संभावना बढ़ गई है।
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