नई दिल्ली। डब्ल्यूएचओ (WHO) के अनुसार दुनिया भर में हर साल 1.5 करोड़ बच्चे मां के पेट में पूरा समय बिताने से पहले जन्म (premature birth) ले लेते हैं. यानी गर्भाधारण के 37 सप्ताह का नियत समय बिताने के के पहले इन बच्चों का जन्म असमय हो जाता है। समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चों में 10 लाख बच्चे पांच साल की उम्र तक आते-आते मर जाते हैं।
ग्रामीण इलाकों में जानकारी का अभाव और संस्थागत प्रसव नहीं कराने के कारण ऐसा होता है. हालांकि, अमीर देशों में भी समय से पहले बच्चों का जन्म हो जाता है. अकेले ब्रिटेन में सौ में से 8 बच्चे 37 सप्ताह के गर्भधारण से पहले जन्म ले लेते हैं. डेली मेल की खबर के मुताबिक अब एक नए शोध में दावा किया गया है कि प्रसव के नियत समय से 10 सप्ताह पहले पता लगा लिया जाएगा कि बच्चे का जन्म समय से पहले (Premature births) होगा या नहीं.
गर्भाशय ग्रीवा में बैक्टीरिया जिम्मेदार
शोधकर्ताओं ने खास बैक्टीरिया और कुछ केमिकल्स के बारे में पता लगाया जिसके आधार पर समय पूर्व बच्चे के जन्म के बारे में जाना जा सकता है. शोधकर्ताओं के मुताबकि मां के गर्भाशय ग्रीवा (cervixes) में यह खास बैक्टीरिया और कुछ केमिकल्स पाए जाते हैं. इनके कारण संक्रमण और सूजन हो जाती है जो बच्चे के समय पूर्व जन्म के लिए जिम्मेदार होते हैं.
शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि इस खोज के बाद जल्द ही इन केमिकल्स और बैक्टीरिया की पहचान के लिए टेस्ट करने की तकनीक विकसित होगी जिससे समय पूर्व बच्चे के जन्म का समय पर इलाज किया जा सकेगा.
संक्रमण और सूजन की वजह से समय पूर्व बच्चे का जन्म होता
किंग्स कॉलेज लंदन के प्रोफेसर एंड्रयू शेनन (Professor Andrew Shennan) ने बताया कि हमारी टीम ने बर्थ प्रीडक्शन टूल (birth prediction tools ) विकसित किया है जिससे प्रेग्नेंसी के कुछ समय बाद सटीकता से पता लगाया जा सकता है कि समय पूर्व बच्चे का जन्म होगा कि नहीं. आमतौर पर प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं का ग्रभाशय ग्रीवा शिशु की रक्षा करने के लिए बढ़ जाता है लेकिन प्रसव से कुछ दिन पहले यह पुनः छोटा और मुलायम होने लगता है. आपको बता दें कि प्रेग्नेंसी के दौरान अगर महिला संक्रमित हो जाए या इसमें सूजन हो जाए तो समय से पहले गर्भाशय ग्रीवा कमजोर होने लगता है. यही कारण है कि बच्चे का जन्म समय से पहले हो जाता है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved