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गर्भवती महिलाएं खुद के साथ बच्‍चे की सेहत का भी रखें ख्‍याल, डाइट में करें इन चीजों को शामिल

December 09, 2024


हर महिला कि यह इच्छा होती है कि वह एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे। इस इच्छा को पूर्ण करने के लिए गर्भावस्था मे पौष्टिक आहार का सेवन पर्याप्त मात्रा मे करना बेहद जरुरी है। गर्भस्थ शिशु का विकास माता के आहार पर निर्भर होता है। गर्भवती महिला को ऐसा आहार करना चाहिए जो उसके गर्भस्थ शिशु के पोषण (Nutrition) कि आवश्यकताओं को पूरा कर सके। अक्सर महिलाएं घर की जिम्मेवारी संभालने के चक्कर में अपना ख्याल रखना भूल जाती हैं। इससे उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ता है।

विशेषज्ञों की मानें तो हार्मोनल चेंजेस के चलते महिलाएं ज़िंदगी में कई अलग-अलग स्टेज से गुजरती हैं। इनमें मासिक धर्म, गर्भावस्था, मातृत्व और मेनोपॉज यानी रजोनिवृत्ति शामिल हैं। इसके लिए महिलाओं को सेहत को लेकर एक्टिव रहना चाहिए। खासकर गर्भवती महिलाओं को अपनी सेहत पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसके लिए सही दिनचर्या, संतुलित आहार और पर्याप्त नींद जरूरी है। इससे जच्चा और बच्चा दोनों ही स्वस्थ और खुश रहते हैं। डॉक्टर्स हमेशा गर्भवती महिलाओं को कई चीजें खाने की सलाह देते हैं। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-

पालक
डॉक्टर्स हमेशा गर्भवती महिलाओं (pregnant women) को आयरन की कमी को दूर करने के लिए डाइट में पालक शामिल करने की सलाह देते हैं। पालक (spinach) में ल्यूटिन, पोटैशियम, फाइबर, फ़ोलेट और विटामिन-इ(pregnant women) पाए जाते हैं। इसके सेवन से न केवल आयरन की कमी दूर होती है, बल्कि पोटैशियम के रहने से उच्च रक्तचाप भी कंट्रोल में रहता है।

ब्रोकली
फाइबर रिच (fiber rich) युक्त चीजों को खाने से पाचन तंत्र मजबूत होता है। इससे कब्ज, बदहजमी, गैस समेत पेट के सभी विकारों से निजात मिलता है। इसके लिए डाइट में हरी सब्जियां जैसे ब्रोकली, पालक और केल को जरूर शामिल करें। इनमें फाइबर के अतिरिक्त फोलेट, मैग्नीशियम, आयरन और कैल्शियम (iron and calcium) भी पाए जाते हैं।

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साल्मन
ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त चीजों को खाने से बच्चे के मस्तिष्क का विकास सही से होता है। फैटी फिश यानी तैलीय मछली में उच्च मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है। साथ ही एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-ऑक्सीडेटिव, एंटी-कार्सिनोजेनिक के गुण पाए जाते हैं। ये गुण मस्तिष्क को सभी प्रकार की बीमारियों से सुरक्षित रखते हैं। इसके लिए साल्मन, टूना, हेररिंग्स मछलियों का सेवन कर सकते हैं।

बेरीज
जानकारों की मानें तो बेरीज में विटामिन सी, पोटैशियम,फ्लेवोनॉयड (potassium, flavonoids), विटामिन सी, एंथोसियानि घुलनशील और अघुलनशील फाइबर, फाइटोकेमिकल, फोलेट, केंफेरॉल समेत कई अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए बेहद लाभदायक सिद्ध होते हैं। इसके लिए बेरीज को पावरहाउस (powerhouse) भी कहा जाता है। इसके सेवन से कब्ज, मोटापा, मधुमेह, कैंसर आदि रोगों में आराम मिल सकता है। साथ ही इम्यून सिस्टम (immune system) होता है। अत: गर्भवती महिलाएं रोजाना बेरीज का सेवन करें। चाहे तो सलाद या स्मूदी के रूप में भी बेरीज का यूज कर सकते हैं।

नोट- उपरोक्‍त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्‍य जानकारी के लिए हैं इन्‍हें किसी चिकित्‍सक के रूप में न समझें। हम इसकी सत्‍यता व सटीकता की जांच का दावा नही करतें हैं। कोई भी सवाला या परेंशानी हो तो विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें ।

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