धार। होली(Holi) के दिन एक बस ड्राइवर ने मानवता (Humanity) की मिसाल पेश की. जिसकी मदद से एक प्रेग्नेंट महिला (Pregnant woman) को समय से इलाज मिल गया. और जच्चा-बच्चा दोनों की जान बच गई। मामला मप्र (Madhya Pradesh) के धार (Dhar)जिले का है। बताया जा रहा है कि महिला अपने पति के साथ मजदूरी करके गुजरात(Gujrat) से वापस लौट रही थी. लेकिन बस में ही उसे अचानक से प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. ऐसे में बस ड्राइवर (Bus Driver ) ने समझदारी दिखाते हुए बस को सीधा स्वास्थ्य केंद्र के सामने रोका जिससे महिला की समय से डिलीवरी हो सकी.
यह है पूरा मामला
गुजरात के जोधपुर से एक बस धार आ रही थी. इसी बस में बड़वानी जिले में रहने वाली अनीता अपने पति के साथ वापस आ रही थी. लेकिन बीच रास्ते में ही उन्हें प्रसव पीड़ा होने लगी. ऐसे में बस ड्राइवर कैलाश सिसोदिया ने तत्परता दिखाते हुए इस मामले की सूचना रिंगनोद के स्वास्थ्य केंद्र में दी. बस ड्राइवर ने बस को कही और न रोकते हुए सीधे रिंगनोद स्वास्थ्य केंद्र में ले जाकर रोका. जहां बस में सवार दूसरी महिलाओं की मदद से अनीता को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया.
बच्चा और मां दोनों स्वस्थ
स्वास्थ्य कर्मी संतोष व्यास ने बताया कि समय से अस्पताल पहुंचने से महिला की डिलीवरी आसानी से हो गई, जिससे मां और बच्चा दोनों सकुशल हैं. संतोष ने बताया कि बस ड्राइवर ने उन्हें महिला के बारे में पहले ही बता दिया ऐसे में छुट्टी होने के बाद भी वह तुरंत स्वास्थ्य केंद्र पहुंच गए. ताकि महिला को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो.
अनिता के पति कैलाश ने बताया की वह बड़वानी जिले के मरदई गांव में रहता है. कुछ दिनों पहले अपनी पत्नी के साथ मजदूरी करने गुजरात गया था. होली के त्योहार पर घर वापस जा रहा था. रास्ते में ही अनीता को दर्द होने लगा. लेकिन इस मुश्किल समय में सभी ने उसकी मदद की. जिससे वह बहुत खुश है. कैलाश ने बताया कि उसकी पत्नी ने बेटे को जन्म दिया है और उसकी एक बेटी भी है. कैलाश ने ड्राइवर का आभार जताते हुए कहा कि उनकी मदद से सबकुछ आसानी से हो गया.
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