साहिबगंज: साहिबगंज में एक बार फिर स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खुल गई. एंबुलेंस चालक की मनमानी के कारण एक गर्भवती को खाट पर अस्पताल पहुंचा गया. परिजनों ने कंधे के बल खाट उठाकर प्रसूता को सदर अस्पताल पहुंचाया. इसके लिए उन्हें 11 किमी की दूरी तय करनी पड़ी. हालांकि महिला ने अस्पताल में एक बच्चे को जन्म दिया है और जच्चा व बच्चा दोनों स्वस्थ हैं.
चालक एंबुलेंस लेकर चला गया
दरअसल, पूरा मामला मडरो प्रखंड के दामिनबीटा पंचायत में पहाड़ पर बसे बड़ा भेंडा पचरुखी गांव से जुड़ा है. जहां दुर्गा सोरेन की 30 वर्षीय पत्नी बड़की बास्की को प्रसव पीड़ा हुई तो परिजनों ने 108 एंबुलेंस को कॉल किया.
एंबुलेंस पहुंचा लेकिन प्रसूति को पहाड़ से नीचे उतारने में कुछ समय लग गया. इसी से खीझकर एंबुलेंस का चालक मौके से गाड़ी से लेकर चला गया. लाख कोशिश के बाद दोबारा एंबुलेंस का इंतजाम नहीं हो सका. इधर महिला प्रसव पीड़ा से कराह रही थी. सदर अस्पताल वहां से 11 किमी दूर है. परिजनों के हाथ-पांव फूलने लगे.
जानें परिजनों का दर्द
अंत में हार कर परिजनों ने खाट के सहारे महिला को अस्पताल पहुंचाने का निर्णय लिया और महिला का खाट पर लेटाकर 11 किमी की दूरी पैदल ही तय की गई. परिजनों ने बताया कि 108 एंबुलेंस के बारे में जानकारी थी.
इसलिए उन्हें फोन किया. एंबुलेंस आया भी. लेकिन गर्भवती को पहाड़ से उतारने में समय लग गया. इधर एंबुलेंस चालक इंतजार करने के बजाय मौके से फरार हो गया. वहीं, सिविल सर्जन डॉ रामदेव पासवान ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है. विभाग की ओर से जांच कराई जा रही है.
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