कोलकाता। पश्चिम बंगाल (West Bengal) में भूमि विवाद में एक समूह ने एक गर्भवती महिला (pregnant woman) पर हमला कर दिया। इसे लेकर सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच सियासी घामासान पैदा हो गया है। भाजपा ने दावा किया है कि हमले में शामिल लोग टीएमसी के समर्थक थे, तो वहीं सत्तारूढ़ दल ने इस आरोप से इनकार किया।
यह मामला उत्तरी कोलकाता (Kolkata) के नारकेलडांगा इलाके का है। हमले के आरोप में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आठ महीने की गर्भवती महिला का शहर के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है। पीड़ित महिला के ससुर शिबशंकर दास ने बताया कि “पुरुषों के एक समूह ने रविवार को कथित तौर पर नारकेलडांगा में उनके आवास में घुसकर उन पर और उनके बेटे दीपक पर हमला किया था। इस समूह के लोग टीएमसी के समर्थक हैं।”
वहीं, इस मामले को भाजपा ने टीएमसी पर निशाना साधा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने तृणमूल कांग्रेस को एक बर्बर संगठन बताते हुए बंगाल कहा कि पार्टी के सदस्यों ने नैतिकता की सभी सीमाएं पार कर दी है। उन्होंने कहा, “इस मामले में जिन टीएमसी नेताओं का नाम लिया गया है, उन पर चुनाव के बाद हिंसा करने का भी आरोप लगाया गया था। टीएमसी एक क्रूर राजनीतिक संगठन में बदल गई है। उन्होंने उन सभी नैतिक मूल्यों और नैतिकता को खो दिया है जिनका राजनीति में पालन किया जाता है।”
हालांकि, बेलेघाटा के विधायक परेश पाल और स्थानीय पार्षद स्वपन सम्मादार सहित स्थानीय टीएमसी नेताओं ने इस बात से इनकार किया। उन्होंने कहा कि पार्टी समर्थकों का हमले से कोई लेना-देना नहीं है। स्वपन ने कहा, “हमारी पार्टी का कोई भी कार्यकर्ता हमले में शामिल नहीं था। हमारे खिलाफ आरोप बेबुनियाद और राजनीति से प्रेरित हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि टीएमसी समर्थकों सहित आठ लोगों की गिरफ्तारी पुलिस की ज्यादती का एक उदाहरण है। उन्होंने कहा, “कुछ पुलिस अधिकारी इस तरह से व्यवहार कर रहे हैं जैसे कि टीएमसी अब सत्ता में नहीं है।
टीएमसी कार्यकर्ताओं ने “पुलिस ज्यादती” के खिलाफ थाने के बाहर रैली भी निकाली। मजूमदार की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुणाल घोष ने कहा कि भाजपा को किसी भी मामले में निष्कर्ष पर पहुंचना बंद कर देना चाहिए। घोष ने कहा, “भाजपा को निष्कर्ष पर पहुंचने और हर चीज के लिए टीएमसी को दोष देने की आदत है। जांच समाप्त होने दें, सच सामने आएगा। हमें महिलाओं के सम्मान पर भाजपा से सीखने की आवश्यकता नहीं है। भगवा पार्टी का महिलाओं की सुरक्षा और सुरक्षा के बारे में निराशाजनक ट्रैक रिकॉर्ड है।
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