उज्जैन। नगर निगम विकास कार्यों के लिए सरकारी जमीन ढूंढता फिरता है लेकिन महाकाल मंदिर के पास में ही 5000 स्क्वेयर फीट से भी ज्यादा जमीन मौजूद है लेकिन उस पर कोई विकास की योजना नहीं बनी, वहाँ पर सिर्फ बोर्ड लगाकर अभी भी नगर निगम अतिक्रमण होने का इंतजार कर रहा है।लोहे के पुल पर दरगाह के समीप सुंदर आयल मिल की 5000 स्क्वेयर फीट से ज्यादा जगह खाली पड़ी है जो महाकाल मंदिर से मात्र ढाई सौ मीटर की दूरी पर है तथा देवास गेट बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन से इस स्थान की दूरी मात्र 2 किलोमीटर है और दौलतगंज तोपखाना से आने वाला मार्ग भी चौड़ा है। इस पूरी जगह का निगम प्रशासन उपयोग कर सकता है लेकिन नगर निगम ने सिर्फ इस भूमि पर कब्जे का एक बोर्ड लगा रखा है और यह भूमि कई दिनों से खाली ही पड़ी है।
इसके चलते यहाँ पर अतिक्रमण हो रहा है। बाहर की ओर कई गुमटी लग गई है, वहीं इस परिसर में दिनभर नशेड़ी बैठे रहते हैं और कुछ लोगों ने यहाँ भैंस का तबेला भी बना लिया है और भैंस बंधी रहती है। ऐसे में यहाँ कभी भी अतिक्रमण और अवैध कब्जा बढ़ सकता है। इस बेशकीमती जमीन पर नगर निगम को बाहर से आने वाले यात्रियों को सुविधा देने के लिए शापिंग काम्प्लेक्स और मल्टी लेवल पार्किंग जैसे निर्माण कर देना चाहिए। एक सुंदर द्वार की परिकल्पना भी पहले इस स्थान पर की गई थी। इस चौराहे को सुंदर बनाने का प्लान था लेकिन अभी तक कुछ नहीं हो पाया। महाकाल मंदिर जाने वाले मार्ग पर चौराहा अतिक्रमण का शिकार है और यहाँ पर 5000 स्क्वेयर फीट से ज्यादा जमीन पड़ी है। इसका उपयोग नगर निगम नहीं कर पा रहा है। महापौर और निगमायुक्त को चाहिए कि इस भूमि को लेकर बड़ी योजना बनाएं ताकि आने वाले दिनों में महाकाल मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा मिल सके। वर्तमान में महाकाल मंदिर के आसपास ना तो अच्छे सुलभ काम्प्लेक्स है और ना ही थोड़ी देर रुकने के लिए कोई अच्छा स्थान। लोग दो-तीन घंटे रुकने के लिए 1000 रुपए तक दे रहे हैं, वहीं नहाने और अन्य कार्य के लिए भी 400-500 रुपया होटल वाले ले रहे हैं। ऐसे में यहाँ शापिंग काम्पलेक्स के साथ अच्छा सुपर सुलभ काम्प्लेक्स और पार्किंग की सुविधा स्मार्ट सिटी के तहत दी जानी चाहिए।
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