कोलकाता । विधानसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी में टूट का सिलसिला थम नहीं रहा है । शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का दो दिवसीय दौरा रद्द होने के बाद हुगली जिले के उत्तरपाड़ा से विधायक प्रबीर घोषाल दिल्ली रवाना हो रहे हैं। उन्होंने ममता बनर्जी पर नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सीएम लगातार हो रही समस्याओं के बावजूद उन्हें एक बार फोन तक नहीं कीं।
दिल्ली रवाना होने से पहले मीडिया से बातचीत में प्रवीर घोषाल ने कहा कि 1984 में ममता बनर्जी दिसंबर महीने में सबसे पहले सांसद बनी थीं। उसके ढाई साल पहले से वह ममता के साथ हैं। हाल में उनके साथ इतना सब कुछ हो गया, ममता ने एक फोन तक करना उचित नहीं समझा। प्रवीर घोषाल ने भाजपा का दामन थामने की घोषणा करते हुए कहा कि उत्तरपाड़ा में उन्हें हराने की साजिश उनकी ही पार्टी के लोग रच रहे थे। ममता बनर्जी को सब कुछ बताया लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया।
उन्होंने कहा कि परिजनों और दोस्तों की सलाह के बाद भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने का निर्णय लिया हूं। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य में अगर एक ही पार्टी की सरकार रहेगी तो विकास तेजी से होगा। केंद्र से लगातार विरोध विकास को बाधित करने वाला है। उन्होंने कहा कि बंगाल के लोग अब सत्ता परिवर्तन चाहते हैं। घोषाल ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान तृणमूल कांग्रेस ने हुगली जिले में बहुत ही खराब प्रदर्शन किया। इसकी वजह के बारे में पार्टी को बताने की कोशिश की थी लेकिन किसी ने ध्यान तक नहीं दिया।
ममता ने दिया था कहीं और से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव
घोषाल ने खुलासा किया कि ममता बनर्जी ने उन्हें दूसरी जगह से चुनाव लड़ने की पेशकश की थी। उन्होंने कहा कि वह उत्तरपाड़ा के भूमि पुत्र हैं। साढे़ पांच सौ सालों से उनके घर मां दुर्गा की पूजा होती है। उत्तरपाड़ा को छोड़कर वह कहीं और से चुनाव नहीं लड़ेंगे। हालांकि ऐसा कह कर उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को भी इस बात के संकेत दे रहे हैं कि अगर पार्टी में शामिल होते हैं तो उत्तरपाड़ा से उन्हें टिकट देना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि तृणमूल कांग्रेस को बुरी शक्तियों ने घेर लिया है। ममता बनर्जी को सामने रखकर कुछ लोग अपना स्वार्थ सिद्धि कर रहे हैं। तृणमूल में अच्छे लोगों को नहीं टिकने दिया जा रहा है।
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