नई दिल्ली। बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी को जबरदश्त जीत दिलाने वाले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) का राजनीति पार्टी से नाता जुड़ने की अटकलें तेज हो गई है और कहीं और नहीं बल्कि कांग्रेस (Congress) में शामिल होने की खबरें चल रही हैं, किन्तु शामिल होने से पहले ही कांग्रेस के अंदर इसका विरोध भी शुरू अभी से हेने लगा है।
खबरों के अनुसार दो दिन पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल के निवास पर एक महत्वपूर्ण बैठक हुई थी। इस बैठक में कांग्रेस के G-23 ग्रुप के नेता शामिल हुए थे। बैठक के दौरान राजनीतिक चर्चा का दौर शुरू हुआ जहां पर कई नेता प्रशांत किशोर को कांग्रेस में शामिल करने के पक्ष में नहीं हैं, हालांकि अभी तक किसी ने पीके का खुलकर विरोध नहीं किया है। इनमें से एक धड़ा उनका समर्थन भी कर रहा है।
सूत्रों के अनुसार सोमवार को G-23 नेताओं ने कपिल सिब्बल के घर पर बैठक की और प्रशांत किशोर को महासचिव पद पर नियुक्त करने के पार्टी के फैसले को लेकर चर्चा हुई। इस बैठक में कपिल सिब्बल के अलावा गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, शशि थरूर, मनीष तिवारी, भूपिंदर सिंह हुड्डा समेत कई नेता मौजूद थे। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी और अंबिका सोनी को प्रशांत किशोर पर पार्टी नेताओं के विचारों के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है।
विदित हो कि वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के बाद से ही कांग्रेस पार्टी में इस समय भी नेतृत्व का संकट है । ऐसे में कई कांग्रेसी नेताओं का मानना है कि अगर पीके कांग्रेस पार्टी में आते हैं तो 2024 की जंग जीतना आसान हो जाएगा।
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