नई दिल्ली. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) कोरोना संक्रमित होने के बाद अस्पताल में हैं. सोमवार को ब्रेन सर्जरी के बाद से उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है. उनकी हालत चिंताजनक बनी हुई है. इस बीच मुखर्जी की बेटी और कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी (Sharmistha Mukherjee) ने अपने पिता की सलामती की दुआ करते हुए एक साल पुरानी बात याद की हैं. शर्मिष्ठा ने ट्विटर पर पूर्व राष्ट्रपति को मिले भारत रत्न सम्मान के किस्से का जिक्र किया है.
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने ट्वीट किया, ‘पिछले साल 8 अगस्त का दिन मेरी जिंदगी के सबसे खुशी के दिन में से एक था, जब मेरे डैड को भारत रत्न मिला. अब एक साल बाद 10 अगस्त को वो गंभीर रूप से बीमार हो गए. भगवान उनके लिए अच्छा करे और मुझे जिंदगी के सुख-दुख स्वीकार करने की क्षमता दे. मैं सभी का शुक्रिया अदा करती हूं.’
प्रणब मुखर्जी ने खुद ट्वीट करके अपने कोरोना संक्रमित होने की जानकारी दी थी. कोरोना टेस्ट भी पॉजिटिव पाया गया है. मुखर्जी ने ट्वीट किया था, ‘एक अस्पताल के दौरे पर मैं कोविड-19 (Covid-19) पॉजिटिव पाया गया. पिछले सप्ताह मेरे साथ संपर्क में आए उन सभी लोगों से मेरा अनुरोध है कि वे खुद को आइसोलेट कर लें और कोरोना की जांच करवाएं.’
10 अगस्त को हुए थे एडमिट
10 अगस्त को गंभीर हालत में दोपहर 12.07 बजे उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. आर्मी रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल ने मंगलवार को बताया कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ब्रेन सर्जरी के बाद वेंटिलेटर सपोर्ट हैं और उनकी हालत गंभीर बनी हुई है.
2012 में बने थे देश के 13वें राष्ट्रपति
प्रणब मुखर्जी ने जुलाई 2012 में भारत के 13वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली थी. वह 25 जुलाई 2017 तक इस पद पर रहे थे. प्रणब मुखर्जी को 26 जनवरी 2019 में भारत रत्न (Bharat Ratna) से सम्मानित किया गया था. प्रणब मुखर्जी ने कलकत्ता विश्वविद्यालय से इतिहास और राजनीति विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन के साथ-साथ कानून की डिग्री हासिल की थी. वो एक वकील और प्रोफेसर भी रहे. उन्हें मानद डी.लिट उपाधि भी दी गई.
1969 में पहली बार पहुंचे थे राज्यसभा
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे मुखर्जी का संसदीय करियर करीब पांच दशक तक चला. वह पहली बार 1969 में राज्यसभा पहुंचे थे. तत्कालीन प्रधानमंत्री, इंदिरा गांधी ने इनकी योग्यता से प्रभावित होकर मात्र 35 वर्ष की अवस्था में, 1969 में कांग्रेस पार्टी की ओर से राज्य सभा का सदस्य बना दिया. उसके बाद वो, 1975, 1981, 1993 और 1999 में राज्यसभा के लिए फिर से निर्वाचित हुए. प्रणब मुखर्जी अपनी योग्यता के चलते सन 1982 से 1984 तक कई कैबिनेट पदों के लिए चुने जाते रहे. सन 1984 में भारत के वित्त मंत्री बने.
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