नागदा। स्थानीय प्रमोद दुबे को दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। स्नेह संस्थापक पंकज मारू ने बताया कि प्रतिवर्ष भारत सरकार द्वारा दिव्यांगता के क्षेत्र में उत्कर्ष कार्य करने वाले दिव्यांगजनों, संस्थाओं, शासकीय अधिकारियों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं को विभीन्न श्रेणियों में उनके द्वारा किये गए उत्कृष्ट कार्यों हेतु राष्ट्रीय पुरुस्कार से सम्मानित किया जाता हैं। स्नेह में थेरेपी सहायक के रूप में विगत 8 वर्षों से कार्यरत 38 वर्षीय बौद्धिक दिव्यांग प्रमोद धर दुबे को वर्ष 2021 के लिए इस राष्ट्रीय पुरस्कार हेतु चयनित किया गया है। उन्हें सम्मान पत्र के साथ एक लाख रुपए की सम्मान निधि भी प्रदान की गई। कार्यक्रम में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार, राज्य मंत्री श्रीमती प्रतिमा भौमिक, रामदास अठावले, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के सचिव राजेश अग्रवाल अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस अवसर पर अनेक देशों के राजदूत, सांसद, आईएएस अधिकारी, दिव्यांगजन, देश की प्रमुख संस्थाओं के प्रतिनिधि गण सहित स्नेह के डॉ. विजेंद्र सिंह डोडिया, विप्लव चौहान, गुडिय़ा शर्मा, श्रीमती गोदावती दुबे, बिजेंद्र धर दुबे उपस्थित थे।
चयन का यह रहा आधार
प्रमोद ने स्नेह में उपचार हेतु वर्ष 2009 में प्रवेश लिया था जिन्हें स्नेह की सह संस्थापक स्वर्गीय डॉ. नैना क्रिश्चयन द्वारा उपचार के दौरान उनकी प्रतिभा को पहचान कर थेरेपी सहायक का प्रशिक्षण प्रदान किया था। उसके पश्चात से ही प्रमोद स्नेह में थेरेपी सहायक के रुप में कार्यरत हैं। इसके साथ ही स्नेह के प्रशिक्षकों के सहयोग से प्रमोद ने अनेक जिला तथा संभाग स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं एवं राष्ट्रीय स्तर के अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भागीदारी कर दर्शकों की तालियां बटोरी थी, जिसमें तत्कालीन राष्ट्रपति स्व. प्रणव मुखर्जी की उपस्थिति में 3 दिसंबर 2014 को विज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह और 2021 में दिव्य कला शक्ति मुंबई की नृत्य प्रस्तुति शामिल है।
स्नेह की झोली में तीसरा राष्ट्रीय पुरुस्कार
उल्लेखनीय है कि स्नेह संस्थापक मारू को वर्ष 2016 में दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण हेतु सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति का राष्ट्रीय पुरूस्कार तथा 2019 में स्नेह को देश की सर्वश्रेष्ठ संस्था के राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा जा चुका है।
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