मुंबई (Mumbai)। वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) पार्टी के अध्यक्ष (Vanchit Bahujan Aghadi (VBA) Party President) प्रकाश आंबेडकर (Prakash Ambedkar) 22 जनवरी को अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram temple) के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह (‘Pran Pratistha’ ceremony) में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने राम मंदिर ट्रस्ट की तरफ से मिले न्योते को ठुकरा दिया है। बुधवार को ट्रस्ट को लिखे पत्र में उन्होंने आरोप लगाया है कि रामलला की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह को भाजपा और आरएसएस ने हड़प लिया है।
भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर के पोते प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि एक धार्मिक आयोजन को राजनीतिक इवेंट में बदल दिया गया है। वीबीए प्रमुख ने कहा कि उनके दादा डॉ. आंबेडकर ने चेताया था कि अगर राजनीतिक दल जाति और धर्म को राष्ट्र से ऊपर रखेंगे, तो देश की स्वतंत्रता फिर से खतरे में पड़ जाएगी।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने डॉ. आंबेडकर के परिवार को भी प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए न्योता दिया था। इसके अलावा अनुसूचित जाति के अन्य प्रतिष्ठित लोगों को भी न्योता दिया गया है।
बीसीआई ने प्राण प्रतिष्ठा के लिए मांगी 22 जनवरी को अदालतों में छुट्टी
बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर 22 जनवरी को होने वाले श्रीराम प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर देश की सभी अदालतों में छुट्टी देने का अनुरोध किया। उन्होंने लिखा कि आयोजन देशभर के लाखों लोगों के लिए अत्यधिक धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है। यह एक लंबे समय से प्रतीक्षित सपने के साकार होने और कानूनी कार्यवाही की परिणति का प्रतीक है। जो देश की संरचना को परिभाषित करने में महत्वपूर्ण है।
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